Thursday, December 12, 2024
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आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ FIR दर्ज

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर लिया है।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Avinash Rai Published : Aug 24, 2024 17:18 IST, Updated : Aug 24, 2024 17:19 IST
Investigation begins into financial irregularities in RG Kar Hospital FIR lodged against former prin- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर संग रेप और मर्डर की घटना के बाद से देश में आक्रोश का माहौल है। इस बीच मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बता दें कि सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता को लेकर केस दर्ज किया है। बता दें कि सीबीआई ने एसआईटी के केस टेकओवर कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। यह निर्णय अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका के बाद लिया गया है, जिन्होंने कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने का अनुरोध किया था। 

17 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने सीबीआई को जांच से संबंधित प्रगति रिपोर्ट तीन सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी और तभी अदालत रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। अदालत ने ‘केस डायरी’ और अन्य संबंधित दस्तावेज शनिवार पूर्वाह्न 10 बजे तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। उन्होंने अली की याचिका में एक पक्ष के रूप में शामिल होने के घोष के अनुरोध को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह इस मामले में "आवश्यक पक्ष" नहीं हैं। पूर्व प्राचार्य के वकील ने अनुरोध किया था कि उन्हें अपने मुवक्किल का बचाव करने का अवसर दिया जाए क्योंकि पूर्व उपाधीक्षक अली ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

तत्काल सुनवाई से कोर्ट ने किया इनकार

मामले की जल्द सुनवाई की आवश्यकता का दावा करते हुए घोष के वकील ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ न्यायमूर्ति हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का रुख किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल हैं। लेकिन खंडपीठ ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति भारद्वाज ने आदेश पारित करते हुए कहा कि चूंकि अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार-हत्या मामले की जांच पहले ही सीबीआई को सौंपी जा चुकी है, इसलिए इस मामले की "व्यापक और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने” के लिए यह मामला उसी एजेंसी को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। 

 

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