Wednesday, May 01, 2024
Advertisement

महुआ मोइत्रा ने बड़े अंतर से अपनी जीत का किया दावा, EC-ED-CBI पर साधा निशाना

कृष्णानगर सीट से महुआ मोइत्रा एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने बड़े अंतर से जीत का दावा किया है। मोइत्रा ने कहा कि मेरी जीत मुझे लोकसभा से निष्कासित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश का करारा जवाब होगी।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: April 02, 2024 12:42 IST
महुआ मोइत्रा- India TV Hindi
Image Source : PTI महुआ मोइत्रा

पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी की वरिष्ठ नेता महुआ मोइत्रा ने बड़े अंतर से अपनी जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी जीत पिछले साल उन्हें लोकसभा से निष्कासित करने और ‘नकद के बदले सवाल पूछने’ के मामले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की "साजिश" का करारा जवाब होगी। मोइत्रा ने कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र को खत्म करने के बीजेपी के सभी प्रयासों के बावजूद भारत इतना महान देश है कि इसे फासीवादी ताकतें नष्ट नहीं कर सकतीं। 

टीएमसी ने मोइत्रा को पिछले साल लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद कृष्णानगर सीट से फिर से टिकट दिया है। उन्होंने ED और CBI पर "भगवा खेमे के राजनीतिक एजेंट’’ के तौर पर काम करने का आरोप लगाया। मोइत्रा ने एक इंटरव्यू में कहा कि निर्वाचन आयोग ने "अपनी स्वतंत्रता खो दी है,  क्योंकि आयुक्तों का चयन उस समिति द्वारा किया जाता है, जहां केंद्र के पास दो-तिहाई बहुमत है। 

मेरी जीत में कोई संदेह नहीं है: मोइत्रा

उन्होंने कहा, "मेरी जीत में कोई संदेह नहीं है। यह इस बारे में है कि अंतर कितना बड़ा होगा, जिसका फैसला 4 जून को होगा। मैं यहां रहती हूं और पिछले पांच वर्षों से अपने लोगों के बीच हूं और उससे पहले भी एक विधायक के रूप में उनके बीच थी, इसलिए यह एक बहुत मजबूत संबंध है, और सच कहूं, तो यहां ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है कि कोई चुनाव हो रहा है।” मोइत्रा ने 2019 के चुनाव में 60,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी और उन्हें कुल 45 प्रतिशत मत मिले थे। 

49 वर्षीय नेता ने कहा, “ मेरी जीत मुझे निष्कासित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश का करारा जवाब होगी।” लोकसभा में अपनी मुखरता और उग्र बहस के लिए जानी जाने वाली मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था। संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें उपहार और रिश्वत स्वीकार करने का दोषी ठहराया गया था। जेपी मॉर्गन चेस की पूर्व निवेश बैंकर ने आचार समिति की सिफारिशों को "कंगारू अदालत द्वारा पूर्वनिर्धारित मैच" करार दिया था। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी देश में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रही है।

"बीजेपी संवैधानिक लोकतंत्र खत्म कर रही"

मोइत्रा ने कहा, "मैं यह बात संसद में अपने पहले भाषण से ही कह रही हूं। बीजेपी भारत में संवैधानिक लोकतंत्र खत्म कर रही है, लेकिन भारत इतना महान राष्ट्र है कि इन फासीवादी ठगों द्वारा इसे नष्ट नहीं किया जा सकता।” यह पूछे जाने पर कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग बीजेपी द्वारा प्रचारित कहानी के बजाय उनके पक्ष पर विश्वास क्यों करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह माटी की बेटी हैं। उन्होंने कहा, "यह मेरी कर्मभूमि और मेरी धर्मभूमि है। मेरे लोग मेरा 100 प्रतिशत समर्थन करेंगे।" नकद के बदले सवाल पूछने के विवाद की वजह से भले ही उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया हो, लेकिन इसने पार्टी में उनका कद बढ़ाया है। टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व से और समूचे विपक्ष से उन्हें समर्थन मिला है। इस मामले में अपने परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी और ईडी के समन को लेकर मोइत्रा ने आरोप लगाया कि वे एजेंसियां भाजपा का अभिन्न अंग हैं। वह ईडी के समन पर उसके सामने पेश नहीं हुई थी। 

"निर्वाचन आयोग अब अपनी स्वतंत्रता खो चुका है" 

मोइत्रा ने हाल में निर्वाचन आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया गया था कि बीजेपी उनके अभियान को बाधित करने और चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने के लिए सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, उन्होंने इस मामले पर आयोग द्वारा कोई कार्रवाई करने पर संदेह व्यक्त किया था। उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग अब अपनी स्वतंत्रता खो चुका है। आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के दो-तिहाई बहुमत से किया जाता है। (पिछले महीने अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दो निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए) 30 मिनट में 200 नाम चुनने के लिए दिए गए। पूरी कवायद एक दिखावा है।"

पश्चिम बंगाल विधानसभा में करीमपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकीं पूर्व विधायक ने कहा कि विपक्षी नेता और राजनीतिक दल अभी भी आयोग को पत्र लिखते हैं, क्योंकि "हमें इसे इतिहास के लिए लिखने और दर्ज करने की ज़रूरत है, और यह महत्वपूर्ण भी है।" यह पूछे जाने पर कि दोबारा निर्वाचित होने पर क्या वह नीतिगत मुद्दों पर बीजेपी पर उसी तरीके से हमला जारी रखेंगी, मोइत्रा ने कहा, "आप क्या सोचते हैं, मैं अपनी सीट पर वापस जाऊंगी और बीजेपी के लिए भजन गाऊंगी?"

सीएए नियमों के लागू होने पर क्या कहा? 

टीएमसी नेता ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) नियमों के लागू होने से उनके निर्वाचन क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, जहां काफी संख्या में मतुआ लोग रहते हैं। उन्होंने कहा, “पड़ोसी सीट रानाघाट में मतुआ आबादी अधिक संख्या में है, लेकिन हां, मतुआ संगठन स्वयं अपने सदस्यों से कह रहे हैं कि वे सीएए के लिए आवेदन न करें और खुद को अवैध विदेशी के रूप में चिह्नित करें, क्योंकि उन्हें पिछले वर्षों में सभी सरकारी लाभ मिले हैं।" मोइत्रा अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के उस निर्देश का जिक्र कर रही थी जिसमें उसने अपने सदस्यों को बांग्लादेश में उनके पिछले आवासीय पते को साबित करने वाले आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण नागरिकता आवेदन देने से परहेज करने की सलाह दी है। 

ये भी पढ़ें- 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें पश्चिम बंगाल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement