Friday, April 19, 2024
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संयुक्त राष्ट्र में भारत ने उठाया शांति अभियानों के लिए भुगतान का मुद्दा

भारत ने शांति अभियानों में योगदान कर रहे अपने और अन्य देशों सैनिकों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा भुगतान नहीं करने पर चिंता जताई है और कहा कि महासचिव ने बंद हो चुके शांति अभियानों के कोष का इस्तेमाल कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए किया। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 19, 2019 16:28 IST
United Nations- India TV Hindi
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संयुक्त राष्ट्र: भारत ने शांति अभियानों में योगदान कर रहे अपने और अन्य देशों सैनिकों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा भुगतान नहीं करने पर चिंता जताई है और कहा कि महासचिव ने बंद हो चुके शांति अभियानों के कोष का इस्तेमाल कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए किया। संयुक्त राष्ट्र ‘‘गंभीर नकदी संकट’’ का समाना कर रहा है और उसका घाटा पिछले एक दशक में सबसे अधिक है। उसके पास इतनी नकदी भी नहीं है कि अगले महीने का वेतन दे सके। संगठन द्वारा वित्तीय संकट से निपटने के लिए कई आपातकालीन उपाय किए गए हैं। भारत उन 35 देशों में है, जो इस विश्व संगठन के बजट का अपना पूरा हिस्सा समय पर देता है। भारत ने 31 जनवरी 2019 तक अपने नियमित बजट मूल्यांकन का 2.32 करोड़ अमेरिकी डॉलर दे दिया था। भारत समय पर भुगतान करता है, लेकिन अब उसने चिंता जताई है कि यूएन ने अभी तक उसे और शांति सैनिकों को भेजने वाले अन्य देशों, जिन्हें टीसीसी कहते हैं, को शांति अभियानों के लिए भुगतान नहीं किया है। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने शुक्रवार को कहा, ‘‘भारत एक विकासशील देश है, उसने न सिर्फ अपना पूरा बकाया समय पर चुकाया है, बल्कि नियमित बजट और शांति अभियान से संबंधित बजट के भविष्य के लिए भी आंशिक भुगतान कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विकास संबंधी जरूरतें कितनी अधिक हैं, इस पर विचार करना आसान नहीं है। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे आकलन की दर भी बढ़ रही है। ताजा मामले में इसमें 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’ महासभा की पांचवीं समिति (प्रशासनिक और बजटीय मामले) के मुख्य सत्र 'संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति में सुधार' में बोलते हुए नायडू ने कहा कि भारत सहित 27 टीसीसी, समूह 77 के 17 देश, अभी भी समाप्त हो चुके शांति अभियानों के लिए अपनी वैध प्रतिपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम टीसीसी के भुगतान को अनिश्चितकाल के लिए नहीं टाल सकते, जबकि उस फंड का इस्तेमाल दूसरे भुगतान के लिए किया जा रहा है।’’ संयुक्त राष्ट्र पर भारत का 3.8 करोड़ डॉलर बकाया है, जो मार्च 2019 तक किसी भी देश के मुकाबले शांति अभियानों के लिए भुगतान की जाने वाली सबसे अधिक राशि है। नायडू ने कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बंद शांति निधि का इस्तेमाल कर्मचारियों को वेतन देने के लिए किया है, ताकि ‘‘वित्तीय सुदृढ़ता की झूठी भावना के लिए योगदान दिया जा सके।’’ नायडू ने कहा, '' हम महासचिव को याद दिलाना चाहेंगे कि टीसीसी के लिए उनके दायित्व भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितना सदस्य देशों से अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए कहना।''

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