
इस्तांबुल: तुर्की में विद्रोही कुर्द चरमपंथियों ने शनिवार को 40 वर्षों से चले आ रहे संघर्ष के विराम की घोषणा कर दी। कुर्द चरमपंथियों ने सत्ता के सामने अपने हथियार डाल दिये। इसे राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोआन की सरकार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुर्द चरमपंथियों का यह विद्रोह 40 वर्ष से जारी था। जेल में बंद चरमपंथी नेता ने दो दिन पहले ही समूह से हथियार डालने का आह्वान किया था।
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके की यह घोषणा क्षेत्र में व्यापक परिवर्तनों की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें पड़ोसी देश सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ किए जाने के बाद नयी सरकार का गठन, लेबनान में हिजबुल्ला चरमपंथी आंदोलन का कमजोर पड़ना और गाजा में इजराइल-हमास युद्ध शामिल हैं। पीकेके की घोषणा शनिवार को चरमपंथी समूह के करीबी मीडिया संस्थान फिरात समाचार एजेंसी द्वारा प्रकाशित की गई।
कैसे हुआ संघर्ष विराम
इसमें विद्रोहियों के नेता अब्दुल्ला ओकलान का हवाला गया था, जो 1999 से तुर्किये की जेल में बंद हैं। घोषणा के अनुसार, ‘‘हम आज से संघर्ष विराम के प्रभावी होने की घोषणा करते हैं, ताकि शांति और लोकतांत्रिक समाज के आह्वान के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त हो सके। दूसरी ओर से हमला होने तक हमारी सेना सशस्त्र कार्रवाई नहीं करेगी।’’ बृहस्पतिवार को कुर्द नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने जेल में बंद अपने नेतृत्व से मुलाकात करने के बाद पीकेके से हथियार डालने और उसे भंग करने का आह्वान किया। वर्ष 1984 में शुरू हुए संघर्ष के कारण अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। (एपी)