Friday, April 19, 2024
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Plastic wastage: आपके घर में कचरे वाले प्लास्टिक में छुपा है असली हीरा, इस शोध ने खोले राज

Plastic wastage: क्या आप सोच सकते हैं कि आपके घर से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे में हीरा छुपा हो सकता है..? शायद आपको इस बात पर कभी भरोसा नहीं हो, लेकिन यह सच है। वैज्ञानिकों ने घर से निकलने वाले कचरे पर किए गए अपने एक शोध में इसे सही साबित कर दिखाया है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra
Updated on: September 04, 2022 12:11 IST
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Image Source : INDIA TV Diamond technique

Highlights

  • घर में बेकार पड़ी पानी की बोतलें अब सोने-चांदी से ज्यादा कीमती
  • वैज्ञानिकों के शोध ने दुनिया में मचाई खलबली
  • प्लास्टिक की बोतलों से वैज्ञानिकों ने हीरा बनाकर दिखाया

Plastic wastage: क्या आप सोच सकते हैं कि आपके घर से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे में हीरा छुपा हो सकता है..? शायद आपको इस बात पर कभी भरोसा नहीं हो, लेकिन यह सच है। वैज्ञानिकों ने घर से निकलने वाले कचरे पर किए गए अपने एक शोध में इसे सही साबित कर दिखाया है। घरों से इकट्ठा किए गए प्लास्टिक कचरे से हीरा निकालने वाले शोध ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। क्या वाकई घर का प्लास्टिक कचरा इतना अधिक कीमती हो सकता है, क्या प्लास्टिक कचरा आपके घर में रखे सोने-चांदी से भी अधिक कीमती हो गया है...इसका जवाब अब हां में है। क्योंकि वैज्ञानिकों ने इस अवधारणा को सच साबित कर दिया है। 

वैज्ञानिकों के इस शोध से अब पूरी दुनिया को प्लास्टिक कचरे से निजात भी मिल जाएगी। यह पर्यावरण के लिए भी एक अच्छा संकेत है। देश-दुनिया में प्रति वर्ष करीब 30 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। यह पर्यावरण की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। हालांकि कई अन्य शोध में वैज्ञानिकों ने इससे सड़क इत्यादि बनाने का विकल्प भी पूर्व में खोजा था। बावजूद सभी घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का अभी संपूर्ण समाधान नहीं मिल पा रहा था। अब इस नए शोध ने लोगों को न सिर्फ हैरत में डाला है, बल्कि प्लास्टिक कचरे से हीरा बनाने का नायाब तरीका खोज निकाला है। 

प्लास्टिक से कैसे बनेगा हीरा

अमेरिका के कैलिफोर्निया में एसएलसी नेशनल एक्सलरेटर ने लेजर का इस्तेमाल कर प्लास्टिक की बोतलों से कीमती हीरा बनाने का नया तरीका ईजाद कर सभी को हैरत में डाल दिया है। प्लास्टिक बोतलों से हीरा बनाने की प्रेरणा वैज्ञानिकों ने नेप्च्यून और यूरेनस ग्रह पर होने वाली हीरे की वर्षा वाली अवधारणा से ली है। यह दोनों ग्रह पृथ्वी से कई गुना बड़े हैं, जहां पर मीथेन गैस की अधिकता है। मीथेन में हाइड्रोजन और कार्बन के अणु होते हैं। जिस तरह से धरती पर वायुमंडलीब दबाव बढ़ता है तो पानी भाप के रूप में परिवर्तित होकर बादलों के संग हो जाता है और अलग-अलग हिस्सों पर बारिश करता है। ठीक उसी तरह यूरेनस और नेप्च्यून ग्रह पर जब मीथेन दबाव बढ़ता है तो हाइड्रोन और कार्बन के बीच के अणुओं का बांड टूट जाता है। इसके बाद उसमें मौजूद कार्बन के अणु हीरे में बदल जाते हैं और वहां तब हीरों की बारिश होती है। 

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वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक बोतलों से हीरा बनाने के लिए इस्तेमाल की पालीएथलीन
नेप्च्यून और यूरेनस पर हीरे की बारिश से प्रेरणा लेने के बाद शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक की बोतल से हीरा बनाने के लिए मीथेन की जगह पालीएथलीन टेरिफ्थेलेट (पीईटी) गैस का इस्तेमाल किया। इसमें प्लास्टिक को हाईपावर बनाने वाले आप्टिकल लेजर का इस्तेमाल करके प्लास्टिक को 10,800 डिग्री फारेनहाइट तक गर्म किया। इसके बाद इसमें हीरे जैसी संरचना बन गई। फिजिक्स के प्रो. डोमिनिक क्रास के अनुसार पीईटी में उन दोनों ग्रहों के जैसा ही आक्सीजन, कार्बन और हाईड्रोजन के बीच बेहतरीन संतुलन देखा गया। पीईटी का इस्तेमाल अक्सर सिंगल यूज प्लास्टिक बनाने में किया जाता है। 

प्लास्टिक से बन सकता है नैनो डायमंड
वैज्ञानिकों ने इन प्लास्टिक बोतलों से नैनो डायमंड बनाने का तरीका भी बताया है। इसमें पीईटी प्लास्टिक में लेजर जनरेटेड शॉकवेव से नैनो डायमंड बनाया जा सकता है। अभी नैनो डायमंड कार्बन या हीरे का गुच्छा बनाकर उसमें विस्फोट कर दिया जाता है। फिर इस नैनो डायमंड का इस्तेमाल पॉलिश में किया जाता है। 

कार्बन परमाणु के क्रिस्टलीकरण से बनते हैं प्राकृतिक हीरे
वैज्ञानिकों ने बताया कि तीन अरब वर्ष पहले पृथ्वी की सतह पर 150 से 200 किलोमीटर की गहराई में तीव्र गर्मी और दबाव होने के चलते प्राकृतिक हीरे बने थे। क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में कार्बन के परमाणु क्रिस्टलीकृत होकर हीरे में बदल जाते हैं। 

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