Thursday, April 18, 2024
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"अखंड भारत" बनाम "ग्रेटर नेपाल", नक्शे को लेकर कुछ नेपाली दलों ने खड़ा किया नया बवाल?

प्रचंड ने कहा हमने नए भारतीय मानचित्र का मुद्दा उठाया, जिसे संसद में रखा गया है। हमने एक विस्तृत अध्ययन नहीं किया है, लेकिन जैसा कि मीडिया में बताया गया है, हमने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। लेकिन इसके जवाब में, भारतीय पक्ष ने कहा कि यह एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मानचित्र था न कि राजनीतिक।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: June 08, 2023 20:57 IST
नई संसद में लगा अखंड भारत का सांस्कृतिक नक्शा- India TV Hindi
Image Source : FILE नई संसद में लगा अखंड भारत का सांस्कृतिक नक्शा

नए संसद भवन में रखे गए भारत के 'अखंड भारत मानचित्र' को लेकर नेपाल में विपक्षी दलों के हमले तेज होते जा रहे हैं। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने जवाबी कदम के रूप में अपने कार्यालय में एक नया 'ग्रेटर नेपाल' का नक्शा लगाया है। हालांकि नेपाल सरकार इस मुद्दे पर चुप रही, लेकिन सीपीएन-यूएमएल सहित विपक्षी दलों ने उस मानचित्र का विरोध किया है जो हिमालयी राष्ट्र को प्राचीन भारतीय भूभाग के हिस्से के रूप में दिखाता है।उन्होंने सरकार से भारत के समक्ष इस मामले को उठाने को कहा है।

मेयर शाह वर्तमान में अपनी पत्नी के इलाज के लिए बेंगलुरु में हैं। उन्होंने अपनी भारत यात्रा से पहले 'ग्रेटर नेपाल' के मानचित्र को अपने कार्यालय में लगाया था। उनका कहना है कि एक समय नेपाल का भूभाग पूर्व में तीस्ता से लेकर पश्चिम में सतलज तक फैला हुआ था। हालांकि, अंग्रेजों के साथ युद्ध में नेपाल ने अपनी भूमि का एक बड़ा हिस्सा खो दिया। युद्ध के बाद मेची से तीस्ता और महाकाली से सतलुज तक के क्षेत्रों को स्थायी रूप से भारत में मिला लिया गया था।

भारत के भूभाग को नेपाली नेता ने मानचित्र में दिखाया अपना

नेपाल के कुछ दलों के नेताओं का कहना है कि उसका जो भूखंड पूर्व में भारत में मिला लिया गया था, अब उसे लौटा दिया जाना चाहिए। नेपाल और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 4 मार्च 1816 को सुगौली संधि पर हस्ताक्षर किए गए, जिसने नेपाल के क्षेत्र को मेची-महाकाली तक कम कर दिया। शाह के कार्यालय में 'ग्रेटर नेपाल' मानचित्र में पूर्वी तीस्ता से लेकर पश्चिम कांगड़ा तक के क्षेत्र शामिल हैं जो वर्तमान में भारतीय क्षेत्र हैं। अब भी मांग की जा रही है कि वह जमीनें नेपाल को वापस कर देनी चाहिए। राष्ट्रवादी कार्यकर्ता फणींद्र नेपाल लंबे समय से वृहत्तर नेपाल के लिए प्रचार कर रहे हैं। संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने गुरुवार को कहा कि देश को 'ग्रेटर नेपाल' का नक्शा भी आधिकारिक तौर पर प्रकाशित करना चाहिए।

थापा ने कहा, यदि कोई देश सांस्कृतिक मानचित्र प्रकाशित करता है तो नेपाल के पास ग्रेटर नेपाल का मानचित्र प्रकाशित करने और उस पर विचार करने का अधिकार भी है। यदि नेपाल नए मानचित्र को प्रकाशित करने के बारे में सोचता है, तो भारत को उस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। बल्कि उसे इसे स्वीकार करना चाहिए। चल रहे विवाद के बीच, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' बुधवार को 'अखंड भारत' मानचित्र पर भारत के बचाव में आए। उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है।नेशनल असेंबली के एक संबोधन में, प्रचंड ने कहा कि उन्होंने अपनी हाल ही में संपन्न भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। (IANS)

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