Wednesday, April 24, 2024
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China on America: चीन को किसी खतरे के तौर पर देखने और दुश्मन मानने की जिद एक ऐतिहासिक और रणनीतिक भूल होगी: चीन

China on America चीन के रक्षा मंत्री ने कहा- ''चीन को एक खतरे के तौर पर देखने और दुश्मन मानने की जिद एक ऐतिहासिक और रणनीतिक भूल होगी। अमेरिका चीन के आंतरिक मामलों में दखल ना दे और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाना भी बंद करें।'' 

Shashi Rai Edited by: Shashi Rai @km_shashi
Published on: June 12, 2022 15:01 IST
American china flag- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO American china flag

Highlights

  • चीन को किसी खतरे के तौर पर देखना ऐतिहासिक भूल होगी: चीन
  • चीन-अमेरिका संबंध न केवल इन दोनों देशों बल्कि बाकी दुनिया के हितों की पूर्ति करता है: चीन
  • टकराव से न तो हम दोनों देशों और न ही अन्य देशों को फायदा होगा: चीन

China on America: चीन-अमेरिका संबंध एक बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक मोड़ पर होने का जिक्र करते हुए चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग ने रविवार को कहा कि चीन को किसी खतरे के तौर पर देखने और दुश्मन मानने की जिद एक ऐतिहासिक और रणनीतिक भूल होगी। चीन के रक्षा मंत्री ने शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चीन का मानना ​​है कि चीन -अमेरिका संबंध न केवल इन दोनों देशों बल्कि बाकी दुनिया के हितों की पूर्ति करता है।’’ उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच सहयोग वैश्विक शांति और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जनरल वेई फेंग ने कहा, ‘‘टकराव से न तो हम दोनों देशों और न ही अन्य देशों को फायदा होगा। चीन द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित करने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना का इस्तेमाल करने का विरोध करता है।’’

चीन के हितों को नुकसान पहुंचाना बंद करे अमेरिका: चीनी रक्षा मंत्री

उन्होंने कहा कि चीन को एक खतरे के तौर पर देखने और दुश्मन मानने की जिद एक ऐतिहासिक और रणनीतिक भूल होगी। जनरल वेई फेंग ने अमेरिकी पक्ष से कहा कि वह चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाना भी बंद करें। उन्होंने कहा, “जब तक अमेरिकी पक्ष ऐसा नहीं करता तब तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नहीं सुधर सकते।“ 

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चीन पर लगाया था आरोप

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को चीन पर स्वशासन वाले द्वीप ताइवान पर अपने दावे और उस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों से अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि 1949 में गृहयुद्ध के दौरान ताइवान और चीन अलग हो गए थे। लेकिन, चीन स्व-शासित द्वीप को अपना एक हिस्सा मानता है और वह इसे बलपूर्वक भी मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ना चाहता है। चीन अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचे जाने का लगातार विरोध करता है। 

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