Saturday, April 27, 2024
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इंडोनेशिया में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में इस नेता ने किया जीत का दावा, जानें भारत के साथ रिश्तों पर क्या पड़ेगा असर

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति चुनाव पर भारत के अलावा अमेरिका और चीन की पैनी नजर बनी है। क्योंकि अमेरिका और चीन का इंडोनेशिया की बाजार पर बड़ा कब्जा है। भारत भी धीरे-धीरे इंडोनेशियाई बाजार में अपनी पैठ बढ़ा रहा है। फिलहाल रक्षामंत्री प्रबोवो सुबिआंतो ने अनौपचारिक आंकड़ों के आधार पर अपनी जीत का दावा किया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: February 14, 2024 19:21 IST
इंडोनेशिया के रक्षामंत्री, प्रबोवो सुबिआंतो। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS इंडोनेशिया के रक्षामंत्री, प्रबोवो सुबिआंतो।

 

जकार्ताः इंडोनेशिया के राष्ट्रपति चुनाव में रक्षामंत्री प्रबोवो सुबिआंतो ने अनौपचारिक आंकड़ों के आधार पर अपनी जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि वह इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। बता दें कि बुधवार को शुरुआती और अनौपचारिक गणना में भी रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबिआंतो को भारी बढ़त मिलती हुई दिखाई दे रही है। आरंभ से ही ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पूर्व जनरल आसानी से देश के सर्वोच्च पद पर जीत हासिल करने में सफल हो सकते हैं। अब उन्होंने स्वयं अपनी जीत का दावा करके इंडोनेशिया में नई उमंग का संचार कर दिया है। 

सुबिआंतो (72) ने खुद को प्रसिद्ध व मौजूदा राष्ट्रपति जोको विडोडो के उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया था। पूरे द्वीपसमूह पर बिना किसी बड़ी समस्या के मतदान बुधवार अपराह्न को संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग द्वारा प्रमाणित त्वरित-गणना केंद्रों से दिन में ही प्रारंभिक और अनौपचारिक परिणामों की उम्मीद की जा रही थी। वहीं आधिकारिक और अंतिम नतीजे करीब एक महीने में आएंगे। चुनाव से पहले के सर्वेक्षणों में रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबिआंतो को राष्ट्रपति पद का प्रबल दावेदार बताया जाता रहा है और वही एकमात्र उम्मीदवार हैं, जिनके सुहार्तो के शासनकाल से संबंध हैं। प्रबोवो उस दौरान विशेष बलों के कमांडर रहे थे और उन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप है, जिसे उन्होंने सिरे से नकार दिया।

ये भी नेता दौड़ में शामिल

इंडोनेशिया के दो पूर्व प्रांतीय गवर्नर अनीस बासवीडान और गंजार प्रानोवो भी लोकप्रिय राष्ट्रपति जोको विडोडो के उत्तराधिकारी की दौड़ में शामिल हैं। विडोडो अपना दूसरा और अंतिम कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। एक नदी के किनारे बनी झुग्गी बस्ती से निकलकर देश के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे विडोडो के कार्यकाल ने सत्तावादी शासन वाले क्षेत्र में उनके दक्षिण पूर्व एशियाई देश के लोकतंत्र की जीवंतता को प्रदर्शित किया है। इंडोनेशिया का चुनाव भारत के साथ ही साथ अमेरिका और चीन के लिए बेहद मायने रखता है, क्योंकि द्वीपसमूह राष्ट्र के पास एक विशाल घरेलू बाजार, निकल (धातु) और पाम (ताड़) तेल जैसे प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। साथ ही इंडोनेशिया अपने दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसियों के साथ मजबूत राजनयिक प्रभाव रखता है।

भारत के साथ कैसे हैं संबंध

इंडोनेशिया के मौजूदा राष्ट्रपति जोको विडोडो  के पीएम मोदी और भारत से काफी अच्छे संबंध हैं। रक्षामंत्री प्रबोवो सुबिआंतो जोको विडोडे के ही उत्तराधिकारी और करीबी हैं। ऐसे में उनकी जीत के बाद आगे भी भारत के साथ करीबी संबंध रहने की संभावना है। करीब 27 करोड़ की आबादी वाले 17,000 द्वीपों के विशाल द्वीपसमूह में मतदान एक दुष्कर कार्य है जिसमें मतपेटियां और मतपत्र नौकाओं, मोटरसाइकिलों, घोड़ों द्वारा और कुछ अधिक दूरस्थ स्थानों पर पैदल लाए जाते हैं। चुनावी एजेंसी 'कोम्पास सर्च एंड डेवलपमेंट' द्वारा कराये गये प्रारंभिक और अनौपचारिक गणना में सामने आये आंकड़ों के मुताबिक, सुबिआंतों को मतदान स्थलों पर डाले गये 80 प्रतिशत मतों में से 58 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं। सुबिआंतों को चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों अनीस बासवीडान और गंजार प्रानोवो पर जीत दर्ज करने के लिए कुल मतों में से 50 प्रतिशत से अधिक और देश के प्रत्येक प्रांत में कम से कम 20 फीसदी मतों की आवश्यकता होगी। (एपी)

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