Wednesday, April 24, 2024
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फ्रांस ने भारत भेजा परमाणु ऊर्जा युक्त यह खतरनाक "एयरक्राफ्ट कैरियर शिप", चीन में मची खलबली

भारत और चीन सीमा विवाद के बीच फ्रांस के सबसे खतरनाक परमाणु ऊर्जा युक्त एयरक्राफ्ट कैरियर शिप के मुंबई पहुंचने से चीन में खलबली मच गई है। फ्रांसीसी नौसेना का सबसे घातक माना जाने वाला विमानवाहक युद्धपोत "मार्ने" सद्भावना यात्रा पर भारत आया है। इसके मुंबई पहुंचते चीन की नौसेना सतर्क हो गई है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 30, 2023 6:36 IST
मार्ने एयरक्राफ्ट कैरियर, फ्रांस (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : FILE मार्ने एयरक्राफ्ट कैरियर, फ्रांस (फाइल)

France's Marne Aircraft Carrier Reaches Mumbai: भारत और चीन सीमा विवाद के बीच फ्रांस के सबसे खतरनाक परमाणु ऊर्जा युक्त एयरक्राफ्ट कैरियर शिप के मुंबई पहुंचने से चीन में खलबली मच गई है। फ्रांसीसी नौसेना का सबसे घातक माना जाने वाला विमानवाहक युद्धपोत "मार्ने" सद्भावना यात्रा पर भारत आया है। इसके मुंबई पहुंचते चीन की नौसेना सतर्क हो गई है। फ्रांसीसी नौसेना के इस जहाज के आगमन से ड्रैगन दहशत में आ गया है। उसे भारत और फ्रांस की जुगलबंदी से खतरे की आशंका है। हालांकि कि भारत के पास भी विश्व के खतरनाक विमानवाहक पोतों में शामिल आइएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर शिप है।

आपको बता दें कि भारत और फ्रांस पुराने रक्षा साझीदार हैं। इन दोनों ताकतवर देशों में हाल ही में रक्षा और सहयोग के क्षेत्र में कई बड़े अहम समझौते हुए हैं। दुनिया में सबसे खरतनाक माना जाने वाला राफेल लड़ाकू विमान भी फ्रांस ने ही भारत को दिया है। इससे पाकिस्तान से लेकर चीन तक को गहरी चिंता है। हाल ही में फ्रांस ने भारत के डिफेंस कोरिडोर और आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के बढ़ते कदम को देखकर रक्षा साझेदारी की इच्छा भी जताई है। फ्रांस भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करना चाहता है। वह अपनी फ्रांसीसी तकनीकि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया को और भी अधिक सबल व ताकतवर बनाना चाहता है। भारत और फ्रांस के बीच इस मुद्दे पर भी बातचीत चल रही है। फ्रांस भारत का सबसे अहम और भरोसेमंद सहयोगी है।

परमाणु ऊर्जा से चलता है मार्ने

फ्रांसीसी नौसेना का मार्ने जहाज परमाणु ऊर्जा से संचालित होता है। यह दुनिया के सबसे खतरनाक युद्धपोतों में है। इस विमानवाहक युद्ध पोत के भारत आते ही चीन में हलचल पैदा हो गई है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जानते हैं कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपम में घनिष्ठ मित्र हैं। इन दोनों नेताओं की मजबूत केमिस्ट्री चीनी चिंता का कारण बन गई है। हालांकि रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार फ्रांसीसी नौसेना का मार्ने सद्भावना यात्रा पर है। इसके बाद वह स्वदेश लौट जाएगा। परमाणु ऊर्जा से संचालित होने वाला यह विमानवाहक पोत 'चार्ल्स डी गॉल' के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) का हिस्सा है। 'मार्ने'एयरक्राफ्ट कैरियर शिप फ्रांसीसी कमांडर पियरे-अल्बान पेनक्रेजी की कमान के हवाले है।

जबकि 'चार्ल्स डी गॉल' और सीएसजी के अन्य जहाज फोरबिन और प्रोवेंस गोवा में खड़े किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार मुंबई में कमांडर पेनक्रेजी ने भारत की पश्चिमी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के पारस्परिक हितों के विषयों पर चर्चा की। यह जहाज कई दिनों तक बंदरगाह पर डटा रहा। इस दौरान फ्रांसीस चालक दलों भारत के विभिन्न दर्शनीय स्थलों का भी दौरा किया।

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