
तेहरानः अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर बमबारी किए जाने के बाद तेहरान ने इजरायल पर रविवार को भीषण पलटवार किया। ईरान ने पहली बार इस दौरान इजरायल पर हमले के लिए अपनी सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक मानी जाने वाली Khorramshahr-4 यानि खैबर मिसाइल का इस्तेमाल किया। आइये जानते हैं कि ये मिसाइल कितना खतरनाक है और इसकी मारक क्षमता क्या है?
क्या है Khorramshahr-4 (Kheibar) मिसाइल
यह ईरान की खतरनाक मिसाइलों में शुमार है, जिसका इस्तेमाल रविवार को इज़रायल पर हमले के लिए किया गया। मीडिया में किए गए दावे के अनुसार ईरान ने इजरायल पर कम से कम 40 मिसाइलों से तेल-अवीव और हाईफा शहरों पर हमला किया। इनमें कम से कम 4 मिसाइलें Khorramshahr-4 ही थीं, जिसने तबाही मचा दी। ईरान ने पहली बार इजरायल पर Khorramshahr-4 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया, जिसे स्थानीय स्तर पर "Kheibar" के नाम से भी जाना जाता है। यह ईरान की नई पीढ़ी की एक अत्याधुनिक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है, जो लंबी दूरी तक भारी वारहेड ले जाने और अत्यधिक रफ्तार से लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
खोर्रमशहर-4 की हमलावर क्षमता
ईरान की Khorramshahr मिसाइल चौथी पीढ़ी का संस्करण है। इसकी रेंज लगभग 2,000 किलोमीटर है, जो इसे सीधे इज़रायल, सऊदी अरब और खाड़ी क्षेत्र तक हमले के योग्य बनाती है। इसकी वारहेड क्षमता जबरदस्त है। यह मिसाइल 1,500 से 1,800 किलोग्राम तक का भारी विस्फोटक या संभावित परमाणु वारहेड अपने साथ ले जा सकती है, जो इसे अत्यधिक घातक बनाता है।
तकनीकी दक्षता
यह मिसाइल द्रव-ईंधन (liquid fuel) प्रणाली पर आधारित है। इसमें हाइपरगोलिक ईंधन का उपयोग होता है, जो बिना बाहरी इग्निशन के जल सकता है और लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है। इसके लॉन्च की तैयारी केवल 12 मिनट में संभव है, जो इसे तेजी से तैनाती योग्य बनाता है।
रडार को चकमा देने में सक्षम
इस मिसाइल में कम रडार परावर्तन क्षमता (Low Radar Cross Section) है, जिससे यह रडार और एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम है। इसके गाइडेंस सिस्टम में मीडियम-उड़ान, सेल्फ गाइडेंस और एक्टिव फेज गाइडेंस शामिल हैं, जिससे यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और वायुमंडलीय हस्तक्षेप से भी सुरक्षित रहती है।
एक मिसाइल से 80 ठिकाने हो सकते हैं ध्वस्त
इसकी उड़ान गति वायुमंडल में मैक 8 और वायुमंडल से बाहर मैक 16 तक पहुंच सकती है। इतनी गति होने के चलते दुश्मनों द्वारा इसे रोक पाना बेहद मुश्किल होता है। यह एक साथ कई लक्ष्य साध सकती है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के अनुसार एक Khorramshahr-4 मिसाइल से 80 अलग-अलग लक्ष्यों को एकसाथ निशाना बना सकती है। अगर 80 मिसाइलें एकसाथ दागी जाएं, तो 8,000 लक्ष्यों को नष्ट कर सकती हैं।
रणनीतिक भूमिका
इसे एक आक्रामक और रक्षात्मक दोनों प्रकार का हथियार माना जाता है। यह ईरान की रणनीतिक प्रतिरोध नीति का हिस्सा है और क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने की उसकी रणनीति का आधार बन गया है। इसका नाम "Khorramshahr" 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के ऐतिहासिक शहर से लिया गया है। इसका उपनाम "Kheibar" हो, जे एक ऐतिहासिक इस्लामी युद्ध की स्मृति को दर्शाता है, जिसे ईरान में प्रतीकात्मक प्रतिरोध के रूप में देखा जाता है।