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नेपाल में बदला सियासी घटनाक्रम, प्रधानमंत्री 'प्रचंड' बोले 'पद से नहीं दूंगा इस्तीफा...'

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में सियासी घटनाक्रम तेजी से दल रहा है। नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के बीच समझौता हुआ है। इस बीच पीएम 'प्रचंड' ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Jul 02, 2024 17:31 IST, Updated : Jul 02, 2024 17:31 IST
Nepal PM Pushpa Kamal Dahal Prachanda- India TV Hindi
Image Source : FILE REUTERS Nepal PM Pushpa Kamal Dahal Prachanda

काठमांडू: नेपाल में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। नेपाल के सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच समझौता हो गया है। इस बीच नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए सहमति बनने के दौरान प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के सचिव गणेश शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया के पार्टी पदाधिकारियों की मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में प्रचंड ने कहा कि वह पद से इस्तीफा देने के बजाय संसद में विश्वास मत का सामना करना पसंद करेंगे। 

पीएम ने किया विश्वास मत हासिल करने का फैसला 

गणेश शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री प्रचंड ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया है।’’ प्रधानमंत्री प्रचंड (69) ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत हासिल किया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब नेपाल के दो सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री प्रचंड को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक नई ‘राष्ट्रीय सर्वसम्मति सरकार’ बनाने के वास्ते आधी रात को एक समझौता किया। 

क्या कहते हैं आंकड़े

नेपाल के प्रतिनिधि सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीट जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। दोनों दलों की संयुक्त संख्या 167 है जो 275 सदस्यीय सदन में बहुमत के 138 सीट के आंकड़े के लिए पर्याप्त है। 

क्या है समझौता

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार मध्यरात्रि को समझौते पर हस्ताक्षर किए। देउबा (78) और ओली (72) संसद के शेष कार्यकाल के लिए बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद साझा करने पर सहमत हुए हैं। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि मौजूदा गठबंधन को बचाने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल प्रमुख ओली के बीच वार्ता विफल हो गई है। (भाषा)

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