Friday, May 10, 2024
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North Korea News: उत्तर कोरिया ने समुद्र की ओर लंबी दूरी की संदिग्ध मिसाइल दागी

अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया, जाहिर तौर पर अपनी हथियार प्रणाली की क्षमता बढ़ाना चाहता है और यह सिलसिला उसके सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण करने के बाद ही पूरा हो सकता है। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 24, 2022 15:34 IST
North Korea fired suspected long-range missile towards the sea- India TV Hindi
Image Source : AP FILE PHOTO North Korea fired suspected long-range missile towards the sea

Highlights

  • यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था
  • उत्तर कोरिया ने कई प्रकार की नई मिसाइलों का भी परीक्षण किया है
  • विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है

सियोल: उत्तर कोरिया ने गुरुवार को समुद्र की ओर कम से कम एक लंबी दूरी की संदिग्ध मिसाइल दागी। 2017 के बाद उसका इस तरह का यह पहला प्रक्षेपण था। उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों की सेनाओं ने यह जानकारी दी है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया, जाहिर तौर पर अपनी हथियार प्रणाली की क्षमता बढ़ाना चाहता है और यह सिलसिला उसके सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण करने के बाद ही पूरा हो सकता है। 

दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ ने तत्काल यह नहीं बताया कि प्रक्षेपण किसका किया गया या उसने कितनी दूर तक उड़ान भरी। जापान के उप रक्षा मंत्री मकोतो ओनिकी ने कहा कि यह मिसाइल संभवत: एक नए प्रकार की आईसीबीएम थी, जिसने 1,100 किलोमीटर का सफर तय किया और 6,000 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंची। ऐसा प्रतीत होता है कि यह जापान के समुद्री क्षेत्र में ना गिरे, इसलिए इसे सामान्य से ऊंचे कोण से दागा गया था। 

जापान के तटरक्षक ने समुद्र से गुजरने वाली नौकाओं के लिए चेतावनी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि मिसाइल ने देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर पानी में गिरने से लगभग एक घंटे पहले उड़ान भरी थी। इसके गिरने से तत्काल किसी नौका या विमान के क्षतिग्रस्त होने की कोई खबर नहीं है। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने एक आपातकालीन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम-जोंग उन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आईसीबीएम परीक्षणों पर लगे प्रतिबंध को तोड़ना क्षेत्र और व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक ‘‘गंभीर खतरा’’ है। 

राष्ट्रपति के कार्यालय ने यह जानकारी दी। यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था। गत रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है। 

उत्तर कोरिया ने कई प्रकार की नई मिसाइलों का भी परीक्षण किया है, जिसमें एक कथित हाइपरसोनिक हथियार और एक मध्यम दूरी की मिसाइल शामिल है, जो 2017 के बाद से उसका पहला प्रक्षेपण था। यह मिसाइल संभावित रूप से प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख अमेरिकी सैन्य केन्द्र गुआम तक पहुंचने की क्षमता रखती है। उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में अपने राजधानी क्षेत्र के पास से दो मध्यम-दूरी के परीक्षण किए हैं। 

अमेरिका तथा दक्षिण कोरियाई सेनाओं ने बाद में बताया था कि इसमें उत्तर कोरिया के सबसे बड़े आईसीबीएम अर्थात अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र (ह्वासोंग -17) के घटक शामिल थे। उनका कहना है कि जल्द पूरी क्षमता के साथ इसका प्रक्षेपण किया जा सकता है। उत्तर कोरिया के आधिकारिक मीडिया ने जोर देकर कहा है कि उन दो परीक्षणों का उद्देश्य एक जासूसी उपग्रह के लिए कैमरे और अन्य प्रणाली विकसित करना था। 

विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं से बचने के लिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बहाने आईसीबीएम परीक्षण फिर से शुरू करने और कुछ स्तर तक अंतरिक्ष आधारित टोही क्षमता हासिल करने का प्रयास कर रहा है। यह प्रक्षेपण संभवतः अप्रैल में देश के संस्थापक, एवं वर्तमान नेता किम जोंग-उन के दिवंगत दादा, किम इल-सुंग की जयंती के आसपास किया जा सकता है। 

उत्तर कोरिया, 2017 में तीन आईसीबीएम उड़ान परीक्षणों के साथ अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ी मिसाइल ह्वासोंग-17 विकसित करने का मकसद, उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल रक्षा प्रणालियों को और आगे बढ़ाने के लिए उसे कई हथियारों से लैस करना भी हो सकता है। ह्वासोंग-17 मिसाइल के बारे में सबसे पहले अक्टूबर 2020 में दुनिया को पता चला था।

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