Friday, March 29, 2024
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Pakistan: रस्सी जल गई मगर बल नहीं गया... भिखमंगी की कगार पर पाकिस्तान, मगर वित्त मंत्री बोले- 'दिवालिया होने का चांस नहीं'

Pakistan Default Condition: पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इस संकट पर सरकार इसलिए ध्यान नहीं दे पा रही क्योंकि देश में राजनीतिक संकट भी जारी है।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: November 20, 2022 23:26 IST
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार

भिखमंगी की कगार पर खड़े पाकिस्तान में आर्थिक के साथ-साथ राजनीतिक संकट भी जारी है। चीन के धीरे-धीरे पैर पीछे खींचने और अमेरिका द्वारा धितकारे जाने के बाद भी इस देश को उम्मीद है कि उसका दिवालिया होने का कोई सवाल ही नहीं है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का कहना है कि सरकार अपनी बाहरी ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगी, जिसमें दिसंबर के पहले सप्ताह में सुकुक बॉन्ड का भुगतान करना भी शामिल है। उन्होंने शनिवार को टेलीविजन पर दिए अपने संदेश में कहा, 'दिवालिया होने का कोई चांस ही नहीं है। समय पर रीपेमेंट कर दी जाएगी।' उन्होंने आगे कहा कि अगले साल के लिए ऋण चुकाने की व्यवस्था "सैद्धांतिक रूप से" कर ली गई है।

डार ने अनुमान जताया कि देश का चालू खाता जून 2023 के अंत में 6 अरब डॉलर होगा, जो पहले के अनुमान का आधा है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में घाटा 400 मिलियन डॉलर से कम रहने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने देश में ईंधन की कमी होने की संभावना को भी खारिज कर दिया। वहीं देश में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मध्यावधि चुनाव के लिए महीनों लंबा अभियान चलाया है। जिसे हकीकी आजादी नाम दिया गया। जिसके चलते देश में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। खान ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा था कि वह अपने विरोध के अभियान के आखिरी चरण के रूप में 26 नवंबर को इस्लामाबाद में एक रैली निकालेंगे।

देश में राजनीतिक संकट खड़ा हुआ

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट भी जारी है। यहां पूर्व पीएम इमरान खान को हाल में ही उनकी हकीकी आजादी रैली के दौरान पैर पर गोली मारी गई थी। जिसके लिए उन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी फैजल नसीर को जिम्मेदार ठहराया है। वह बार-बार सेना पर भी निशाना साध रहे हैं। वहीं सरकार अब विपक्ष से बातचीत करने को मजबूर हो गई है, ताकि राजनीतिक संकट को खत्म किया जा सके। 

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