Friday, April 19, 2024
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फीफा वर्ल्ड कप में ईरानी खिलाड़ियों ने क्यों नहीं गाया राष्ट्रगान? जानें सरकार दे सकती है कौन सी बड़ी सजा

Anti Hijab Protest @ FIFA World Cup 2022: कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप ईरान के फुटबाल खिलाड़ियों ने महिलाओं के हिजाब विरोध का समर्थन करते हुए अपने देश का राष्ट्रगान गाने से इंकार कर दिया। खास बात यह है कि खिलाड़ियों के साथ ही साथ स्टेडियम में मौजूद ईरान के दर्शक भी राष्ट्रगान गाने का विरोध कर रहे थे।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: November 22, 2022 13:09 IST
फीफा वर्ल्ड कप में राष्ट्रगान का विरोध करते ईरानी खिलाड़ी- India TV Hindi
Image Source : AP फीफा वर्ल्ड कप में राष्ट्रगान का विरोध करते ईरानी खिलाड़ी

Anti Hijab Protest @ FIFA World Cup 2022: कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप ईरान के फुटबाल खिलाड़ियों ने महिलाओं के हिजाब विरोध का समर्थन करते हुए अपने देश का राष्ट्रगान गाने से इंकार कर दिया। खास बात यह है कि खिलाड़ियों के साथ ही साथ स्टेडियम में मौजूद ईरान के दर्शक भी राष्ट्रगान गाने का विरोध कर रहे थे। इसके बाद खिलाड़ियों ने बिना राष्ट्रगान गाए ही अपने खेल का प्रदर्शन किया है। इसके बाद ईरान सरकार में खलबली मच गई है। ऐसा माना जा रहा है कि देश वापस लौटने पर इन ईरानी खिलाड़ियों को सरकार कोई बड़ी सजा सुना सकती है।

आपको बता दें कि ईरान टीम के खिलाड़ी इंग्लैड के साथ अपना मुकाबला खेलने के लिए कतर के स्टेडियम में उतरे थे। मैच शुरू होने से पहले नियमानुसार नेशनल एंथम (राष्ट्रगान) गाया जाता है। मगर जब ईरान की बारी आई तो उन्होंने राष्ट्रगान गाने से इनकार करके तहलका मचा दिया। अंतरराष्ट्रीय खेल के मंच पर ईरानी महिलाओं के हिजाब विरोधी प्रदर्शन का समर्थन करके इन खिलाड़ियों ने बड़ा साहस दिखाया है। यह देख पूरी दुनिया हैरान रह गई। वहीं इस घटना के बाद से ईरान की सरकार के हाथ-पांव फूलने लगे। अब स्वदेश वापस लौटने पर इन फुटबाल खिलाड़ियों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। हालांकि इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम से ईरान को 6-2 से बड़ी हार का सामना करना पड़ा। विरोध का साफ असर ईरानी खिलाड़ियों के खेल पर भी दिखाई दिया।

हिजाब विरोध ने कैसे पकड़ी तेजी

ईरान में कई महीने से महिलाएं हिजाब पहनने का विरोध कर रही हैं। जबकि सरकार उन पर जबरन हिजाब थोप रही है। हिजाब विरोध ने उस वक्त और तेजी पकड़ ली, जब इसके विरोध में प्रदर्शन कर रही ईरान की 22 वर्षीय महसा अमीनी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। हिरासत के दौरान ही अमीनी की मौत हो गई। इसके बाद पूरी ईरान में विरोध की ज्वाला ने और तेजी पकड़ ली। देखते ही देखते पूरे ईरान में शहर दर शहर विरोध प्रदर्शन होने लगे। बाद में महिलाओं के समर्थन में पुरुष भी आ गए। ईरान में हिजाब विरोध के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को विदेशों ने भी समर्थन दिया है। इस विरोध में अब तक कई दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। मगर यह विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।

खिलाड़ियों को हो सकती है जेल
फीफा वर्ल्ड कप में हिजाब विरोध के समर्थन में राष्ट्रीय गान नहीं गाने पर ईरान की सरकार उन्हें जेल भेज सकती है। उनके खेलने पर भी आजीवन प्रतिबंध लगा सकती है। मगर खिलाड़ियों ने इन सबकी परवाह किए बगैर हिजाब विरोध के समर्थन में विरोध करने की जो दिलेरी दिखाई है, उससे वह ईरानी महिलाओं की नजर में हीरो हो गए हैं। अब ईरानी महिलाओं ने अपने प्रदर्शन को और तेज कर दिया है। जाहिर है कि जब यह खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे तो सरकार उन्हें राष्ट्र विरोध और राष्ट्रदोह के आरोप में कड़ी से कड़ी सजा दे सकती है।

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