Thursday, March 28, 2024
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अंग्रेजों के देश में हजारों चिकित्सक हड़ताल पर, 15 साल में बढ़ने की बजाय घटी सैलरी, काम का बोझ बढ़ा

ब्रिटेन में वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर हजारों कनिष्ठ चिकित्सकों ने सोमवार को तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी। इसके चलते देशभर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: March 13, 2023 20:57 IST
अंग्रेजों के देश में हजारों चिकित्सक हड़ताल पर, 15 साल में बढ़ने की बजाय घटी सैलरी, काम का बोझ बढ़ा- India TV Hindi
Image Source : AP अंग्रेजों के देश में हजारों चिकित्सक हड़ताल पर, 15 साल में बढ़ने की बजाय घटी सैलरी, काम का बोझ बढ़ा

लंदन: हमारे देश में वेतन में बढ़ोतरी को लेकर हड़ताल का एक लंबा इतिहास रहा है। लेकिन हमारे देश में तो अब ऐसा कम हो रहा है, लेकिन कभी दुनिया पर राज करने वाले अंग्रेजों के देश ब्रिटेन में वेतन में कमी से परेशान चिकित्सक हड़ताल कर रहे हैं। ब्रिटेन में वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर हजारों कनिष्ठ चिकित्सकों ने सोमवार को तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी। इसके चलते देशभर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।

ब्रिटेन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में 45 प्रतिशत कनिष्ठ चिकित्सक हैं। हड़ताल के पहले दिन कनिष्ठ चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण वरिष्ठ चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आपातकालीन, गहन चिकित्सा एवं मातृत्व सेवाओं में अतिरिक्त काम करना पड़ा।

2008 से अब तक 26 फीसदी घट गई सैलरी

चिकित्सकों के श्रमिक संघ ‘ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन’ ने कहा कि 2008 के बाद से कनिष्ठ चिकित्सकों के वेतन में वास्तविक रूप से 26 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि काम का बोझ बढ़ा है। इसके अलावा मरीजों की प्रतीक्षा सूची रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। संघ ने कहा कि कम वेतन और अधिक खर्च के कारण डॉक्टर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से कतरा रहे हैं। संघ ने कहा कि नवनियुक्त चिकित्सक को एक घंटे के लिए 14.09 पाउंड यानी 1,399 रुपए मिलते हैं। 

बेहतर वेतन की मांग को लेकर हो रही हड़ताल

नर्सों और पराचिकित्सा सेवा कर्मियों समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भी हालिया महीनों में बेहतर वेतन एवं शर्तों की मांग को लेकर हड़तालें की हैं। एनएचएस के चिकित्सा निदेशक स्टीफन पॉविस ने कहा कि इस सप्ताह 72 घंटे की हड़ताल का सबसे गंभीर प्रभाव होने की संभावना है और इससे “बड़े पैमाने पर व्यवधान” पैदा होगा। 

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