कीव: रूस पर यूक्रेन की नई मिसाइलों और ड्रोनों से हाल में किए गये ताजा हमलों से गैसपाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके चलते रूस में गैस का अकाल पड़ने लगा है। यह दावा यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने किया है। उनका कहना है कि यूक्रेन द्वारा विकसित नई लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन के माध्यम से की गई रणनीतिक हमलों से रूस में गैस और ईंधन की भारी कमी हो रही है।
यूक्रेन ने रूस के गैस डिपो और तेल भंडारण केंद्रों पर किया हमला
जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन ने ताजा हमलों में रूसी तेल भंडारण केंद्रों और सैन्य डिपो को निशाना बनाया गया है, जिससे रूस की आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में हाल ही में किए गए यूक्रेन के जवाबी हमलों ने पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस की कब्जा करने की योजना को विफल कर दिया है। जेलेंस्की के अनुसार, यूक्रेनी मिसाइलों ने दर्जनों रूसी सैन्य ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया है। उन्होंने विशेष रूप से ‘रूटा’ नामक मिसाइल ड्रोन का उल्लेख किया, जिसने 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित एक रूसी तेल सुविधा पर हमला किया। उन्होंने इस हमले को "नए हथियार की बड़ी सफलता" बताया।
यूक्रेन कर रहा रूस पर प्रभावी जवाबी हमले
जेलेंस्की ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता में कहा कि रूस में ईंधन की कमी और बढ़ते विदेशी आयात यह दर्शाते हैं कि यूक्रेनी हमले प्रभावी साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "सबसे अहम बात यह है कि रूस अब गैसोलीन आयात कर रहा है। यह एक स्पष्ट संकेत है।" यूक्रेनी खुफिया रिपोर्टों के हवाले से उन्होंने बताया कि रूस ने बेलारूस से गैस का आयात छह गुना तक बढ़ा दिया है और उस पर लगने वाला शुल्क भी हटा दिया है। इसके अलावा, रूस अब चीन से भी ईंधन आयात कर रहा है। (एपी)
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