Sunday, November 16, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. एक डॉलर के सिक्के पर होगा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा? जूलियस सीजर ने भी कुछ ऐसा ही किया था, जानें फिर क्या हआ था

एक डॉलर के सिक्के पर होगा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा? जूलियस सीजर ने भी कुछ ऐसा ही किया था, जानें फिर क्या हआ था

डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे वाले एक डॉलर के सिक्के का प्रस्ताव अमेरिका की आजादी की 250वीं सालगिरह के मौके पर चर्चा में है। यह सिक्का रोमन इतिहास के सुल्ला और सीजर के द्वारा चलाए गए सिक्कों की याद दिलाता है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Oct 11, 2025 04:29 pm IST, Updated : Oct 11, 2025 04:29 pm IST
Donald Trump coin proposal, US independence 250th anniversary, Roman coin history- India TV Hindi
Image Source : X.COM/STEVEGUEST अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे वाला सिक्का कुछ ऐसा हो सकता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर वाले एक डॉलर के सिक्के का प्रस्ताव दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है। यह सिक्का 2026 में अमेरिका की आजादी की 250वीं सालगिरह के मौके पर जारी किया जा सकता है। लेकिन इस प्रस्ताव ने न सिर्फ सियासी हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि प्राचीन रोमन सिक्कों के अध्ययन करने वालों के बीच भी बहस छेड़ दी है। इतिहासकारों का कहना है कि ऐसा ही कुछ 2000 साल पहले रोम में हुआ था, जब सिक्कों पर जीवित लोगों की तस्वीरें छापने की शुरुआत हुई और रोमन गणतंत्र का पतन हो गया।

कैसा हो सकता है ट्रंप के चेहरे वाला सिक्का?

प्रस्तावित सिक्के के एक तरफ (जिसे 'ओबवर्स' कहते हैं) ट्रंप का चेहरा होगा, और दूसरी तरफ (जिसे 'रिवर्स' कहते हैं) उनकी मुट्ठी उठाए हुए तस्वीर होगी, और साथ में 'फाइट, फाइट, फाइट' शब्द लिखे होंगे। यह सिक्का अमेरिका की आजादी की 250वीं सालगिरह के जश्न का हिस्सा हो सकता है। लेकिन अमेरिका का एक पुराना कानून कहता है कि किसी जीवित व्यक्ति की तस्वीर को सरकारी बॉन्ड, नोट्स या करेंसी पर नहीं छापा जा सकता। अगर यह सिक्का बनता है, तो यह कानून का तकनीकी रूप से उल्लंघन नहीं करेगा, लेकिन यह पुरानी परंपराओं को जरूर तोड़ेगा।

रोमन गणतंत्र में क्या था सिक्कों का इतिहास?

प्राचीन रोम में सिक्कों पर जीवित लोगों की तस्वीरें छापना एक बड़ा बदलाव था। रोम की स्थापना के बाद, लगभग 509 ईसा पूर्व में वहां गणतंत्र की शुरुआत हुई। उस समय तक सिक्कों पर केवल देवी-देवताओं या पौराणिक चरित्रों की तस्वीरें होती थीं। लेकिन दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के अंत में रोमन जनरल गायस मारियस और उनके प्रतिद्वंद्वी लूसियस कॉर्नेलियस सुल्ला ने कई परंपराओं को तोड़ा। 

सुल्ला ने 88 ईसा पूर्व में रोम पर अपनी सेना के साथ कब्जा किया और गृह युद्ध जीता। इसके बाद, 82 से 79 ईसा पूर्व तक उसने तानाशाही की, जो आमतौर पर सिर्फ 6 महीने के लिए होती थी। सुल्ला ने अपने दुश्मनों की एक लिस्ट बनाई, जिसमें सैकड़ों या शायद हजारों लोग मारे गए। उसने अपने दुश्मनों की संपत्ति भी जब्त की। उसी दौरान, 82 ईसा पूर्व में एक चांदी का सिक्का जारी हुआ, जिसके एक तरफ सुल्ला की चार घोड़ों वाले रथ में सवार तस्वीर थी। यह पहली बार था जब किसी जीवित व्यक्ति की तस्वीर रोमन सिक्के पर छपी।

Donald Trump coin proposal, US independence 250th anniversary, Roman coin history

Image Source : PUBLIC DOMAIN
जूलियस सीजर ने भी अपने जीते जी सिक्कों पर अपनी तस्वीर छपवाई थी।

जूलियस सीजर ने तोड़ी और भी परंपराएं

सुल्ला के बाद, 44 ईसा पूर्व में जूलियस सीजर ने और बड़ा कदम उठाया। उनकी हत्या से कुछ महीने पहले, सिक्कों पर उनका चेहरा छापा गया, जिसमें कुछ सिक्कों पर 'डिक्टेटर परपेचुओ' यानी 'आजीवन तानाशाह' लिखा था। सीजर ने 46 से लेकर 44 ईसा पूर्व तक लगातार कांसुल का पद संभाला, जो सामान्य रूप से एक साल के लिए होता था। उस समय कई लोगों को लगा कि सीजर गणतंत्र को राजशाही की ओर ले जा रहे हैं। जब जनता ने उन्हें 'रेक्स' (राजा) कहकर पुकारा, तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं सीजर हूं, कोई राजा नहीं।' लेकिन उनके सिक्के उनकी ताकत और गणतंत्र की परंपराओं को चुनौती देने का प्रतीक बन गए।

Donald Trump coin proposal, US independence 250th anniversary, Roman coin history

Image Source : PUBLIC DOMAIN
डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक अपने चेहरे वाले सिक्के की खबरों को खारिज नहीं किया है।

ट्रंप और रोम के तानाशाहों में क्या समानता है?

इतिहासकारों का कहना है कि ट्रंप और रोम के सुल्ला-सीजर के बीच कई समानताएं हैं। ट्रंप ने अपनी सत्ता के दौरान 9 महीने से भी कम समय में 200 से ज्यादा कार्यकारी आदेश जारी किए, जबकि उनके पूर्ववर्ती जो बाइडेन ने पूरे कार्यकाल में 162 आदेश दिए। ट्रंप का आपातकालीन आदेशों के तहत शहरों में संघीय सैनिक भेजना भी 'तानाशाही' रवैया दिखाता है।  ट्रंप के सिक्के का प्रस्ताव भी कुछ ऐसा ही है। शायद ट्रंप ने खुद इसकी मांग नहीं की, लेकिन उनके समर्थकों ने माहौल को भांपते हुए यह प्रस्ताव रखा, और ट्रंप ने इसका विरोध नहीं किया। यह ठीक वैसा ही है, जैसा सीज़र के समय में हुआ था।

Donald Trump coin proposal, US independence 250th anniversary

Image Source : AP
अमेरिका में बीते दिनों 'नो किंग्स!' प्रदर्शन हुए थे।

अगर ट्रंप का चेहरा सिक्के पर छपता है तो...

इस साल अमेरिका में 'नो किंग्स!' प्रदर्शन हुए, जो यह याद दिलाते हैं कि अमेरिका की आजादी की घोषणा राजशाही के खिलाफ थी। अगर ट्रंप का चेहरा सिक्के पर छपता है, तो यह आजादी की 250वीं सालगिरह के जश्न का हिस्सा हो सकता है, लेकिन साथ ही यह अमेरिकी गणतंत्र के पतन का प्रतीक भी बन सकता है। इतिहासकारों का मानना है कि यह सिक्का लोकतंत्र से तानाशाही की ओर बढ़ते कदम का संकेत हो सकता है, जैसा कि रोम में सुल्ला और सीजर के समय हुआ था। ट्रंप का सिक्का अभी सिर्फ एक प्रस्ताव है, लेकिन यह सियासी और ऐतिहासिक बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। (द कन्वरसेशन)

Latest World News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 - देखें सबसे तेज़ coverage, सिर्फ़ इंडिया टीवी पर
Advertisement
Advertisement
Advertisement