देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया पूरी करने वाले बीएलओ ने बहुत अच्छा काम किया है। चुनाव आयोग के सीनियर अधिकारी दो दिन के लिए बिहार पहुंचे थे। यहां चुनाव आयोग के अधिकरियों ने बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों की समीक्षा की। पहले दिन चुनाव आयुक्तों ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बात की। वहीं, दूसरे दिन राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद चुनाव आयोग ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन से जुड़ी अहम जानकारियां दीं।
एसआईआर में कितने घुसपैठिये मिले?
चुनाव आयुक्त ने बताया कि एसआईआर में दूसरे देश के नागरिकों के नाम भी काटे गए हैं। इसके अलावा उन लोगों के नाम भी काटे गए हैं, जो दूसरी जगहों पर जा चुके हैं और जिनके नाम एक से ज्यादा जगहों पर जुड़े हुए थे। चुनाव आयुक्त ने कहा कि कितने लोगों के नाम काटे गए हैं। इसकी जानकारी हर जिले के अधिकारी के पास होती है। वहां से यह जानकारी ली जा सकती है।
लाइन में खड़े वोटर चला सकेंगे फोन
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग ने मतदान की प्रक्रिया आसान करने के लिए क्या बदलाव किए हैं। चुनाव आयुक्त ने कहा कि बीएलओ ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने सभी बीएलओ की तारीफ की। उन्होंने बताया कि इस बार वोट डालने के लिए लाइन में खड़े लोग फोन चला सकेंगे। उन्हें वोट डालने से ठीक पहले अपना फोन जमा करना होगा और वोट डालने के तुरंत बाद वह फोन वापस ले सकेंगे।
बिहार चुनाव में क्या नया होगा?
- किसी भी बूथ में 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे।
- ईवीएम के आखिरी दो राउंड की गणना से पहले बैलेट पेपर की गणना पूरी होगी।
- हर पोलिंग स्टेशन से 100 फीसदी वेबकास्टिंग होगी।
- ईवीएम में हर उम्मीदवार की रंगीन फोटो होगी। नाम बड़े अक्षर में होंगे।
- अब से नए नतदाताओं को 15 दिन में वोटर कार्ड मिलेंगे।
शनिवार की बैठक में क्या हुआ?
शनिवार को चुनाव आयोग की समीक्षा बैठक में अन्य चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी शामिल हुए। बिहार के पटना में हुई बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि राजनीतिक दल एक मजबूत लोकतंत्र के महत्वपूर्ण हितधारक हैं। वहीं, राजनीतिक दलों ने छठ के आसपास एक या दो चरण में चुनाव कराने का सुझाव दिया। चुनाव आयोग ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और उनके सुझाव मांगे। इस बैठक में आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय जनता दल और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मीटिंग की अहम बातें
- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राजनीतिक दलों से मतदान और मतगणना एजेंटों की नियुक्ति करके चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में पूर्ण भागीदारी करने की बात कही।
- राजनीतिक दलों ने सुझाव दिया कि चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी अधिकतम करने के लिए मतदान छठ पर्व के तुरंत बाद निर्धारित किए जाएं और चुनाव यथासंभव कम चरणों में पूरे किए जाएं।
- आयोग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और राज्य प्रशासन को पूरी निष्पक्षता से कार्य करने और राजनीतिक दलों की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
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