Saturday, June 15, 2024
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NIA ने तीन नक्सलियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, कांग्रेस ने पीडिया मुठभेड़ की जांच की मांग की

जगदलपुर में एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र में एनआईए ने तीनों पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए।

Edited By: Shakti Singh
Published on: May 25, 2024 23:18 IST
File Photo- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक फोटो
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पुलिस से मुखबिरी के संदेह में तीन नागरिकों की हत्या के मामले में शनिवार को तीन नक्सलियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है । एनआईए के एक बयान में कहा गया है कि सभी तीन आरोपी भाकपा (माओवादी) के सदस्य हैं और छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के मोरखनदी गांव से छह नागरिकों के अपहरण से संबंधित समूह की आपराधिक साजिश में शामिल पाए गए थे। बयान में कहा गया है कि अगवा लोगों में से तीन को बाद में एक नवंबर, 2023 को मोडेमरका जंगल में भाकपा (माओवादी) कैडरों और उनके सहयोगियों द्वारा आयोजित एक स्वयंभू जन अदालत में पुलिस मुखबिर घोषित करने के बाद मार दिया गया था। 
 
बयान में कहा गया है कि तीनों आरोपियों की पहचान सन्नू राम अटलमी उर्फ सुनील, सुरेश कतलामी उर्फ कचलामी और शंकर नुरेटी उर्फ शंकर के रूप में की गई है। जगदलपुर में एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र में एनआईए ने तीनों पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए।

कांग्रेस ने पीडिया मुठभेड़ की जांच की मांग की

कांग्रेस ने शनिवार को राज्य के बीजापुर जिले में 10 मई को कथित फर्जी मुठभेड़ में 12 लोगों की हत्या की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ग्रामीणों ने मुठभेड़ के संबंध में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है। दस मई को, पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बीजापुर जिले के गंगालूर पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत पीडिया गांव के पास एक जंगल में 12 नक्सलियों को मार गिराया था। पुलिस ने मृत नक्सलियों की पहचान भी की और दावा किया कि उन सभी पर नकद पुरस्कार था।

फर्जी मुठभेड़ का आरोप

पुलिस ने कहा था कि अभियान के दौरान कुछ लोगों को पकड़ा भी गया था। स्थानीय ग्रामीणों, मृतकों के परिवार के सदस्यों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप लगाया था और कहा था कि मारे गए लोग माओवादी नहीं थे। इस आरोप को पुलिस ने खारिज कर दिया। बैज ने कहा कि मुठभेड़ के संबंध में कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक संतराम नेताम के नेतृत्व में एक जांच दल गठित किया था, जिसने 16 मई को पिडिया गांव का दौरा किया था। मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने कांग्रेस के जांच दल को बताया कि मारे गए 12 लोगों में से मल्लेपल्ली गांव के बुधु ओयाम और पालनार गांव के कल्लू पुनेम माओवादियों के सक्रिय सदस्य थे, जबकि शेष अन्य माओवादी नहीं थे। 

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