
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में साइबर अपराधियों ने ठगी का ऐसा तरीका अपनाया कि हर कोई हैरान रह गया। PhonePe जैसा दिखने वाला फर्जी ऐप बनाकर दुकानदारों को नकली पेमेंट का भरोसा दिलाकर सामान लेने वाले 2 आरोपियों को फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों की पहचान 19 साल के समर्थ सिंह उर्फ क्रिस तोमर और 19 वर्षीय चाणक्य नईर उर्फ आदि गुप्ता के रूप में हुई है। ये दोनों ही आरोपी फरीदपुर के महादेव मोहल्ले के निवासी हैं। पुलिस ने इनके तीसरे साथी युवराज सिंह चौहान की तलाश शुरू कर दी है।
मेडिकल स्टोर के संचालक ने की थी शिकायत
पुलिस के मुताबिक, यह मामला तब सामने आया जब फतेहगंज बाजार के प्रियदर्शी मेडिकल स्टोर के संचालक संयम प्रियदर्शी ने शिकायत दर्ज की। 17 अप्रैल को दो युवक उनकी दुकान पर बाइक से आए और 1140 रुपये की दवाइयां खरीदीं। उन्होंने फोनपे से पेमेंट करने का दावा किया और स्क्रीन पर पेमेंट सक्सेसफुल का मैसेज भी दिखाया। लेकिन जब संयम ने अपने खाते की जांच की तो पैसे नहीं आए थे। शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को धर दबोचा।
फरीदपुर में आया ठगी का एक और मामला
फरीदपुर में गुड्डू नाम के किराना दुकानदार भी ठगों के शिकार हुए। कुछ युवकों ने उनकी दुकान से मैगी, मक्खन और कोल्ड ड्रिंक खरीदा, जिसका बिल 160 रुपये था। युवकों ने क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट किया और सक्सेसफुल ट्रांजेक्शन का स्क्रीनशॉट भी दिखाया। लेकिन जब गुड्डू ने हिसाब-किताब किया तो 160 रुपये कम मिले। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट लेना बंद कर दिया। गुड्डू ने बताया, ‘अब हम सिर्फ नकद पेमेंट लेते हैं, ताकि फिर से ठगी न हो।’
30 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने PhonePe जैसा हूबहू दिखने वाला फर्जी ऐप बनाया था। इस ऐप के जरिए वे दुकानदारों के क्यूआर कोड स्कैन करते थे और नकली पेमेंट स्क्रीन दिखाकर ठगी करते थे। दुकानदारों को लगता था कि पैसे उनके खाते में आ गए, जबकि कोई ट्रांजेक्शन होता ही नहीं था। पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने करीब 30 लोगों को ठगा है।
PhonePe के नाम पर ठगी के प्रमुख मामले
- कुतुबखाना रोड की कपड़ों की दुकान: 750 रुपये
- एक अन्य मेडिकल स्टोर: 850 रुपये
- सैटेलाइट बस स्टैंड की दुकान: 250 रुपये
- सुभाष नगर की दुकान: 250 रुपये
- पवन मेडिकल स्टोर, श्याम गंज: 1060 रुपये
- अमृतसर पंजाब ढाबा: 400 रुपये
- जय नारायण स्कूल के पास की दुकान: 600 रुपये
- सिगरेट खरीद: 500 रुपये
- नैनीताल रोड से कपड़े: 1500 रुपये
- पुराना बस अड्डा से ईयर बड्स: 1500 रुपये
- रिहान कम्युनिकेशन: 1020 रुपये
- वारिस कॉस्मेटिक: 600 रुपये
क्या है ठगी करने वालों का बैकग्राउंड?
पुलिस के अनुसार, समर्थ सिंह के पिता रियल एस्टेट का काम करते हैं, लेकिन पत्नी और बेटे से अलग रहते हैं। वहीं, चाणक्य के पिता का देहांत हो चुका है और वह अपनी नानी के साथ रहता है। चाणक्य मेडिकल स्टोर पर भी काम करता है। दोनों की उम्र 19 साल है और इन्होंने तकनीकी जानकारी का गलत इस्तेमाल करके यह फर्जी ऐप तैयार किया। इसे देखते हुए दुकानदारों को सलाह दी गई है कि वे पेमेंट प्राप्त होने की पुष्टि बैंक खाते या आधिकारिक ऐप से करें, ताकि ऐसी ठगी से बचा जा सके।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस
फतेहगंज पूर्वी थाना प्रभारी संतोष कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने मुकदमा संख्या 152/2025 धारा 318(4) BNS के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों के मोबाइल और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है। एसपी दक्षिण आंशिका वर्मा ने बताया कि इस तरह की ठगी को रोकने के लिए पुलिस सतर्क है और लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन पेमेंट के समय अपने खाते की जांच जरूर करें। पुलिस ने तीसरे आरोपी युवराज सिंह की तलाश तेज कर दी है और अन्य संभावित पीड़ितों से भी संपर्क कर रही है।