Thursday, March 20, 2025
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लीलावती अस्पताल के ‘काला जादू’ मामले में नया मोड़, ‘पूर्व ट्रस्टी’ ने आरोपों का किया खंडन

लीलावती अस्पताल में काला जादू के आरोपों में नया मोड़ आया है। 'पूर्व ट्रस्टी' चेतन मेहता ने आरोपों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है, जबकि अस्पताल के मौजूदा ट्रस्टियों ने आरोप लगाया कि पूर्व ट्रस्टियों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के कमरे में काला जादू किया था।

Reported By : Rajesh Kumar Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Mar 13, 2025 14:40 IST, Updated : Mar 13, 2025 14:40 IST
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Image Source : PTI/INDIA TV लीलावती अस्पताल के ट्रस्टियों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के केबिन में काला जादू किए जाने का आरोप लगाया था।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के जाने-माने लीलावती अस्पताल में कथित तौर पर काला जादू किए जाने के आरोपों में नया मोड़ आ गया है। बता दें कि अस्पताल मौजूदा ट्रस्टियों ने अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर घोटाले और काला जादू करने का आरोप लगाया था। इस पर एक ‘पूर्व ट्रस्टी’ चेतन मेहता, जिनके ऊपर पर मौजूदा ट्रस्टियों ने आरोप लगाया था, सकूरा एडवाइजरी के माध्यम से आरोपों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है। उन्होंने एडवाइजरी में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया आदेश के बाद कथित ट्रस्टियों ने यह मीडिया अभियान शुरू किया है।

‘निस्वार्थ और समर्पित रूप से कार्य किया है’

चेतन मेहता के वकील सिमरन सिंह ने कहा, ‘मेरे मुवक्किल 2007 से प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी रहे हैं। लगभग दो दशकों के उनके कार्यकाल में, उन्होंने निस्वार्थ और समर्पित रूप से कार्य किया है, जिससे लीलावती आज एक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में जानी जाती है, जिसमें सुपर स्पेशलिस्ट्स की टीम है। लीलावती को बार-बार भारत के शीर्ष अस्पतालों में स्थान दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में अस्पताल का टर्नओवर 200 करोड़ रुपये से बढ़कर 500 करोड़ रुपये हो गया है और 250 करोड़ रुपये की चैरिटी की गई है। वकील ने बताया कि जमा राशि भी 10 करोड़ से बढ़कर 500 करोड़ रुपये हो गई है।

‘काला जादू के आरोप प्रतिक्रिया के योग्य भी नहीं’

वकील ने कहा, ‘जैसा कि तथ्य प्रमाणित करते हैं, इन विवादित और कथित मौजूदा ट्रस्टियों द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने अस्पताल के विश्वस्तरीय सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित होने के बाद सत्ता हथियाने की कोशिश की है और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के मद्देनजर, जो उनके अवैध दावों को समाप्त करेगा, ये आरोप लगाए जा रहे हैं। काला जादू के आरोप प्रतिक्रिया के योग्य भी नहीं हैं और केवल सनसनी पैदा करने के लिए हैं।’ उन्होंने कहा कि यह उनकी कार्यप्रणाली है कि वे FIR दर्ज कराने की कोशिश करते हैं, जिनका विषयवस्तु पहले के अदालती आदेशों के माध्यम से पहले ही निपटाया जा चुका है।

ट्रस्टियों ने लगाया था काला जादू करने का आरोप

बता दें कि लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी प्रशांत मेहता और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर परमबीर सिंह (पूर्व मुम्बई पुलिस कमिश्नर) की तरफ से आरोप लगाया गया कि पूर्व ट्रस्टियों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के बैठने वाले केबिन में काला जादू किया है। बकौल प्रशांत मेहता वह अभी जिस केबिन में बैठ रहे हैं वहां के बारे में अस्पताल के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें बताया था कि इस कमरे में काला जादू किया गया है। इसके बाद प्रशांत मेहता ने उस कमरे की खुदाई कराई और फर्श के नीचे से 8 कलश मिले जिनमें इंसानी हड्डियां, बाल और काला जादू में इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग समान मिले हैं।

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