Sunday, May 19, 2024
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Delhi: राष्ट्रपति के पास गया राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा, अब मंत्री पद के लिए इनका नाम आया आगे

Delhi News: राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि वह मंत्री पद से इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं ताकि उनकी वजह से उनके नेता अरविदं केजरीवाल व आम आदमी पार्टी पर कोई आंच नहीं आए।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Updated on: October 10, 2022 19:20 IST
Rajendra Pal Gautam(File Photo)- India TV Hindi
Image Source : PTI Rajendra Pal Gautam(File Photo)

Highlights

  • सीमापुरी से विधायक हैं राजेंद्र पाल गौतम
  • समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के मंत्री थे गौतम

Delhi News: हिंदू देवी-देवताओं पर दिए बयान को लेकर विवादों में घिरे दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम(Rajendra Pal Gautam) के इस्तीफे को केजरीवाल सरकार ने LG वी. के.सक्सेना को मंजूरी के लिए भेजा है। वहीं, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आगे भेज दिया है। उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि गौतम का इस्तीफा प्राप्त हुआ है और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है। मंत्री के तौर पर गौतम के पास समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग का जिम्मा था। वह सीमापुरी से विधायक हैं। बता दें कि गौतम ने रविवार को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

उत्तराधिकारी भी दलित समुदाय से होगा

गौतम ने कहा था कि वह मंत्री पद से इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं ताकि उनकी वजह से उनके नेता केजरीवाल व आम आदमी पार्टी पर कोई आंच नहीं आए। गौतम का उत्तराधिकारी भी दलित समुदाय से होगा। अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त, कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार और करोल बाग के विधायक विशेष रवि का नाम इस पद के लिए सबसे आगे चल रहा है। दरअसल, राजेंद्र पाल गौतम ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर हुए विवाद के बीच रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कार्यक्रम में कथित तौर पर हिंदू देवताओं की निंदा की गई थी। भाजपा ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला करने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया है और उन पर 'हिंदू विरोधी' होने का आरोप लगाया है। 

व्यक्तिगत रूप से हुए थे कार्यक्रम में शामिल

गौतम ने अपना इस्तीफा बकायदा ट्विटर पर शेयर किया था। ट्विटर पर शेयर किए गए इस्तीफे में कहा गया है कि वह व्यक्तिगत रूप से पांच अक्टूबर को हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे और इससे उनकी पार्टी से या उनके मंत्री होने का कोई लेना देना नहीं था। उन्होंने केजरीवाल व AAP को निशाने पर लेने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी इस मुद्दे पर ‘गंदी राजनीति’ कर रही है। गौतम ने कहा कि वह मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं ताकि उनकी वजह से उनके नेता केजरीवाल व AAP पर कोई आंच नहीं आए। 

वीडियो वायरल होने के बाद शुरू हुआ बवाल 

दरअसल, पिछले हफ्ते एक वीडियो वायरल हुआ था। यह पांच अक्टूबर को हुए एक कार्यक्रम का वीडियो था जिसमें गौतम ने शिरकत की थी, इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही  विवाद शुरू हो गया। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और हिंदू देवताओं को भगवान नहीं मानने की प्रतिज्ञा ली थी। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि गौतम ने भाजपा के दबाव में इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्री का सिर्फ इस्तीफा ही काफी नहीं है और गौतम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए और उन्हें 'हिंदू देवी-देवताओं की निंदा करने' के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। 

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