Monday, May 13, 2024
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दिल्ली में फ्लैट की छत से निकला पीपल का पेड़, PMO का दरवाजा खटखटाया

दिल्ली के अपकमिंग एशियाड विलेज में एक अजीब लेकिन कठोर वास्तविकता है, जहां एक पेड़ ने ऐसा कहर ढाया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय तक बात जा पहुंची है।

IANS Reported by: IANS
Published on: November 26, 2020 7:16 IST
दिल्ली में फ्लैट की छत...- India TV Hindi
Image Source : IANS PHOTO दिल्ली में फ्लैट की छत से निकला पीपल का पेड़, PMO का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली: सोचिए अगर आप दिल्ली के प्रमुख रियल एस्टेट बाजार में छह से सात करोड़ रुपये के बाजार मूल्य का एक फ्लैट खरीदते हैं, मगर एक पीपल का पेड़ इसकी नींव को खोखला कर रहा हो तो आप पर क्या गुजरेगी? अगर वह पेड़ आपके महंगे घर की छत को कमजोर कर रहा हो और इसके कभी भी गिरने की संभावना हो और आपको ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की मदद मिलती भी दिखाई न दे, तो फिर आपकी मुश्किलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि दिल्ली के अपकमिंग एशियाड विलेज में एक अजीब लेकिन कठोर वास्तविकता है, जहां एक पेड़ ने ऐसा कहर ढाया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय तक बात जा पहुंची है।

सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी अजय अग्निहोत्री उन करीब 80 लोगों में से एक हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर सरकारी स्वामित्व वाली प्राइम हाउसिंग सोसायटी में फ्लैट खरीदा था। लेकिन अब अग्निहोत्री को अपनी समस्या को लेकर एक जगह से दूसरी जगह पर भटकना पड़ रहा है। यहां तक कि उन्होंने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के दरवाजे भी दो बार खटखटाए। वरिष्ठ नागरिक का दावा है कि उन्होंने जो फ्लैट खरीदा है, उसमें एक पीपल का पेड़ उभर आया है।

उन्होंने बताया, "पिछले साल के फाग के अंत में छत से एक पेड़ निकल आया, जिसकी जड़ें एमटीएनएल के स्वामित्व वाले फ्लैट से जुड़ी हुईं थीं, जिसने अपने फ्लैट को बंद रखा है। वह पेड़ हमारे घर तक पहुंच गया था। आरडब्ल्यूए और दूरसंचार मंत्रालय से शिकायत करने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद मुझे पीएमओ का दरवाजा खटखटाना पड़ा। मेरे पास कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि आरडब्ल्यूए के पास अधिकार नहीं थे और हमारे पास चाबी नहीं थी। हालांकि, पीएमओ तक पहुंचने के बाद 24 घंटे के भीतर लोग आए और पेड़ हटा दिया गया।"

लेकिन मरम्मत का काम घटिया तरीके से किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में एक और 25 फुट का पीपल का पेड़, जो पिछले पेड़ की तुलना में बहुत बड़ा था, वह देखा गया है। अग्निहोत्री ने दावा किया कि यह भी उसी बंद एमटीएनएल फ्लैट में अपनी जड़ें जमाए हुए है। उन्होंने बताया, "पिछली बार, पीएमओ को मेरी शिकायत मिलने के बाद, जब इंजीनियर आए तो उन्होंने मुझे आगे की समस्याओं के लिए संपर्क करने के लिए एक नंबर दिया। मगर उन्होंने कभी भी इस पर कोई जवाब नहीं दिया। अब एक और भी बड़ा पेड़ है।" उन्होंने बताया कि इस पेड़ की वजह से उनके घर की छत के लिए खतरा बना हुआ है।

उन्होंने कहा, "मैंने एमटीएनएल के सीएमडी को पेड़ की तस्वीरें भी भेजी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।" सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी ने कहा, "यह मुद्दा अब और भी बड़ा हो चुका है। एमटीएनएल का दावा है कि वे घाटे में चल रहे हैं, जबकि उनके यहां पांच फ्लैट हैं, जिनका बाजार मूल्य 35 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। फिर भी सभी को बंद रखा गया है। सीएजी को अपनी संपत्ति का ऑडिट करना चाहिए।"

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