नई दिल्लीः छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न मामले में आरोपियों के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के चीफ प्रॉक्टर ने आधिकारिक आदेश जारी किए हैं। 31 मार्च 2024 को चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में छात्रा से प्राप्त शिकायत के अनुसार और 1 अप्रैल 2024 की सिक्यूरिटी रिपोर्ट, गवाहों और सुरक्षा कर्मियों द्वारा दिए गए बयानों से पता चला कि छात्रा के साथ दुर्व्यवहार, अपमानजनक टिप्पणी और धमकी दी गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार जब वह और उसका मित्र देर रात करीब दो बजे जेएनयू रिंग रोड के पास टहल रहे थे, तभी यह कथित घटना हुई।
आरोपी को जेएनयू में नहीं मिलेगी एंट्री
मुख्य प्रॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा कि हमने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रॉक्टर कार्यालय आरोपों की जांच कर रहा है। दोनों पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आरोपी को आश्रय देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
छात्रा ने यौन उत्पीड़न का लगाया था आरोप
यह मामला तब आया है जब जेएनयू की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार देर रात कुछ छात्रों ने परिसर में तोड़फोड़ की। अधिकारी ने सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रा मेन गेट पर धरने पर बैठ गई थी।
जेएनयू छात्र संघ ने एबीवीपी पर लगाया आरोप
इस बीच, जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने आरोप लगाया कि इस घटना के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े लोग जिम्मेदार हैं। जेएनयूएसयू ने कहा, "यह हमारे ध्यान में आया है कि 30-31 मार्च की मध्यरात्रि को, लगभग 2 बजे, एबीवीपी से जुड़े चार लोगों को जेएनयू सुरक्षा की उपस्थिति में रिंग रोड पर महिला छात्रों को परेशान करते हुए पाया गया था। जेएनयूएसयू यौन उत्पीड़न के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है।
इनपुट- एएनआई