Tuesday, December 10, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. Everest day: आखिर क्यों मनाया जाता है एवरेस्ट डे, कौन थे तेन्जिंग नॉरगे जिनसे है इस दिन का खास नाता?

Everest day: आखिर क्यों मनाया जाता है एवरेस्ट डे, कौन थे तेन्जिंग नॉरगे जिनसे है इस दिन का खास नाता?

आज भारत, नेपाल और न्यूजीलैंड में एवरेस्ट डे मनाया जा रहा है। पर क्या आपको पता है कि ये दिन क्यों मनाया जाता है?

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : May 29, 2024 8:24 IST, Updated : May 29, 2024 8:24 IST
तेन्जिंग नॉरगे और एडमंड हिलेरी- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA तेन्जिंग नॉरगे और एडमंड हिलेरी

आपने और हमने हमेशा से पढ़ा है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की है। हर साल एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए न जानें कितने लोग नेपाल जाते हैं। कुछ लोग इसमें सफल होते हैं तो कुछ निराश होकर लौट आते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा कि एवरेस्ट डे कब शुरू हुआ और क्यों मनाया जाता है? अगर नहीं जानते तो हम आपको ये बताते हैं। 29 मई को एवरेस्ट डे भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और न्यूजीलैंड में भी मनाया जाता है। जानकारी दे दें कि सबसे पहले एवरेस्ट डे साल 2008 में मनाया गया।

कितना ऊंचा है एवरेस्ट

माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ है। इसकी चोटी समुद्र तल से 8848 मीटर यानी 29,029 फीट ऊपर है। माउंट एवरेस्ट पर तेज हवा व अत्याधिक ठंड होती है, जिस कारण इस पर चढ़ना आसान नहीं होता है। यहां लोग अक्सर मई और सितंबर में ही चढ़ पाते हैं क्योंकि इस समय यहां पर हवांए थोड़ काम हो जाती हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि अब तक माउंट एवरेस्ट पर सिर्फ 4000 लोगों से ज्यादा लोग ही चढ़ सके हैं जबकि दुनिया में लोगों की संख्या 8 अरब से ज्यादा है। अब आइए जानते हैं कि कौन थे तेन्जिंग नॉरगे और इसकी शुरुआत से तेन्जिंग नॉरगे का क्या संबंध है?

कौन थे तेन्जिंग नॉरगे?

तेन्जिंग नॉरगे को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला शख्स कहा जाता है, पर ये काम इन्होंने अकेले नहीं किया था, इनके साथ उस समय न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी भी थे। तेन्जिंग नॉरगे का जन्म 29 मई 1914 को हुआ था, तेन्जिंग अपने मां-बाप की 11वीं संतान थे। तेन्जिंग किशोरावस्था में दो बार अपने घर से भाग चुके थे, पहले काठमांडू और दूसरी बार दार्जलिंग और यहां आकर ही उन्होंने 1935 एक सिरदार (शेरपा) का काम शुरू किया। फिर इसी अभियान के दौरान 1953 में वे एडमंड हिलेरी के सिरदार (शेरपा) बने और 29 मई 11.30AM को माउंट एवरेस्ट पर पहुंच गए। वहां उन्होंने करीबन 15 मिनट समय बिताए इस दौरान उन्होंने कुछ फोटो लिए और केक खाए थे। जानकारी दे दें कि इससे पहले तेन्जिंग नॉरगे 6 बार माउंट एवरेस्ट पर जाने की कोशिश कर चुके थे। 

ये भी पढ़ें: 

राज्य यूनिवर्सिटिज के इतिहास व पॉलिटिकल साइंस के किताबों में दिक्कत, राज्यपाल ने भरे मंच से किया दावा

 

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement