Thursday, December 12, 2024
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अब इस राज्य के मदरसे में पढ़ाया जाएगा संस्कृत, बोर्ड अध्यक्ष ने खुद किया ऐलान

बीते दिनों ने एनसीपीसीआर ने मदरसों में होने वाली शिक्षा को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसी बीच खबर आ रही है कि उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई करवाने का विचार किया जा रहा है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Oct 20, 2024 13:21 IST, Updated : Oct 20, 2024 13:21 IST
मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई

बीते दिनों से मदरसों को लेकर काफी शोर उठ रहा है। इसी बीच खबर आ रही है कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड राज्य में 400 से अधिक मदरसों में वैकल्पिक तौर पर संस्कृत पढ़ाने की प्लानिंग चल रही है, जल्द ही इसको लागू किया जाएगा। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'हम इस योजना पर पिछले कुछ समय से काम कर रहे हैं। इस बारे में एक प्रस्ताव भी बनाया जा रहा है। अगर इस पर राज्य सरकार की तरफ से हामी मिल गई तो इसे लागू कर दिया जाएगा।'

NCERT में दिखा बेहतर रिजल्ट

उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मदरसा पढ़ने बच्चों को फॉर्मल एजुकेशन से जोड़े जाने की इच्छा के मुताबिक ही ऐसा किया जा रहा है। राज्य के मदरसों में NCERT सिलेबस लागू करने से इस साल बहुत अच्छे रिजल्ट मिले हैं। पास होने वाले बच्चों का पास पर्सेंटाइल 96 प्रतिशत से ज्यादा रहा है। यह बताता है कि मदरसा में पढ़ने वाले बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर उन्हें मौका मिला तो वे संस्कृत सहित अन्य विषयों में भी बेहतर कर सकते हैं।'

कासमी ने आगे कहा, 'अरबी और संस्कृत दोनों ही काफी प्राचीन भाषाएं हैं। अगर मदरसों के छात्रों को अरबी के साथ संस्कृत सीखने का भी मौका मिले तो यह उनके लिए खासा फायदेमंद साबित होगा।' वहीं, बोर्ड के रजिस्ट्रार शाहिद शमी सिद्दकी ने बताया कि मदरसों में संस्कृत शिक्षा अभी सिर्फ एक विचार है जिसको लागू होना है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस संबंध में बोर्ड द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में अभी तक ऐसा कुछ नहीं आया है।

वक्फ बोर्ड ने जताई हैरानी

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भी कहा कि मदरसों में संस्कृत शिक्षा लागू करने का विचार निश्चित रूप से बेहतर है, लेकिन उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि मदरसा बोर्ड को इसे लागू करने से क्यों रोक रहा है। उन्होंने कहा, 'अगर वे वास्तव में ऐसा चाहते हैं, तो इसे काफी आसानी से कर सकते हैं। मैं नहीं मानता कि इस मामले में उन्हें राज्य सरकार से मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत आएगी।'

(इनपुट- PTI)

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