Friday, December 13, 2024
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Savitribai Phule Jayanti 2024: महिलाओं को शिक्षा जगत में लाने के लिए सावित्री बाई फुले को झेलना पड़ा था भारी विरोध, आइए जानते हैं उनके कुछ अनमोल विचार

Savitribai Phule Jayanti 2024: आज भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 193वीं जयंती है। सावित्री बाई फुले सिर्फ भारत की पहली महिला शिक्षका ही नहीं बल्कि वे समाज सुधारक और मराठी कवियत्री भी थीं। उनको मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Jan 03, 2024 9:09 IST, Updated : Jan 03, 2024 9:09 IST
सावित्री बाई फुले की 193वीं जयंती - India TV Hindi
Image Source : FILE सावित्री बाई फुले की 193वीं जयंती

Savitribai Phule Jayanti 2024: आज भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 193वीं जयंती है। सावित्री बाई फुले सिर्फ भारत की पहली महिला शिक्षका ही नहीं बल्कि वे समाज सुधारक और मराठी कवियत्री भी थीं। उनको मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। सावित्री बाई पूरे देश की महानायिका हैं। उन्होंने पूरे मानव समाज के लिए काम किया। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर महिलाओं के हक और शिक्षा जगत में कई प्रेरणास्रोत काम किए। 

महिलाओं को शिक्षा की धारा से जोड़ने के लिए तब के समाज का झेलना पड़ा था विरोध 

सावित्री बाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। उनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। भारत की पहली महिला शिक्षिका के पिता का नाम खन्दोजी नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मी था।  सावित्री बाई फुले का विवाह ज्योतिराव फुले के साथ 1840 में हुआ था। उनको महिलाओं को शिक्षित करने के लिए तब के समाज का बहुत ज्यादा विरोध झेलना पड़ा था। आज उनकी 193वीं जयंती के अवसर पर आइए जानते हैं उनके कुछ अनमोल विचार। 

 

  1. कोई तुम्हें कमजोर समझे, इससे पहले तुम्हे शिक्षा के महत्व को समझना होगा। 
  2. यह शिक्षा ही उचित अनुचित का भेद कराता है।
  3. देश में स्त्री साक्षरता की भारी कमी है, क्योंकि यहां की स्त्रियों को कभी बंधन मुक्त होने ही नहीं दिया गया।
  4. समाज तथा देश की प्रगति तब तक नहीं हो सकती, जब तक कि वहां कि महिलाएं शिक्षित ना हो।
  5. हमें खुद को साबित करना होगा अन्याय, दासता से ऊपर उठना होगा।
  6. शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलती है, खुद को जानने का अवसर देती है। 
  7. हमारे जानी दुश्मन का नाम अज्ञान है, उसे धर दबोचो
  8. शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप पूरे समुदाय को बदलने के लिए कर सकते हैं। 
  9. मेरा मानना है कि शिक्षा हर महिला की मुक्ति की कुंजी है। 
  10. स्त्रियां सिर्फ रसोई और खेत पर काम करने के लिए नहीं बनी है, वह पुरुषों से बेहतर कार्य कर सकती हैं।

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