Friday, March 29, 2024
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जेल में बंद कैदी ने कर दिखाया ये कारनामा, जिसने भी सुना सबने की तारीफ

मिजाजी लाल ने बताया कि ‘वह अपने नाम से जुड़े हत्यारे शब्द से तंग हो चुका है। इसलिए पढ़ाई कर इस दाग को मिटाना चाहता है और अपनी एक नई पहचान बनाने की इच्छा रखता है। उन्होंने बताया कि इस जेल में 100 ऐसे कैदी हैं जो बेहतर ढंग से लिखना-पढ़ना सीख चुके हैं।

Shailendra Tiwari Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: November 13, 2022 20:48 IST
शाहजहांपुर जिला जेल में कैदी कर रहे पढ़ाई- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO (PTI) शाहजहांपुर जिला जेल में कैदी कर रहे पढ़ाई

यूपी के शाहजहांपुर जिले में जेल में बंद एक कैदी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि हर तरफ उसके इस काम की सरहाना हो रही है। दरअसल, शाहजहांपुर जेल में हत्याकांड के दोषी कैदी ने दसवीं की बोर्ड एग्जाम में फर्स्ट क्लास आकर सबको चौंका दिया है। 30 वर्षीय कैदी मनोज ने अपनी दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 84 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, और अब वह 12वीं में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयारी में जुट गया है। बता दें कि एक निचली अदालत ने मनोज को साल 2014 में 6 साल बच्चे की हत्या मामले में उसे मौत की सजा सुनाई थी। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि पढ़ाई से मनोज को इस बात की एक उम्मीद भी लगी है कि शायद हाई कोर्ट उसकी अच्छी पढ़ाई को देखते हुए उसकी सजा थोड़ी कम कर दे।

कैदी कर रहे IGNOU से पढ़ाई

जेल अधीक्षक ने आगे बताया कि ‘वह अपने नाम से जुड़े हत्यारे शब्द से तंग हो चुका है। इसलिए उसकी पढ़ाई के जरिए इस दाग को मिटा कर अपनी एक नई पहचान बनाने की इच्छा है। उन्होंने बताया कि जेल में बंद 58 महिलाओं सहित 1,500 कैदियों में से 250 से अधिक लोग नियमित रूप से पढ़ते हैं। यहां की जिला जेल में सैकड़ों की संख्या में कैदी पढ़ाई कर रहे हैं। यहां के 6 कैदी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं। ताकि लौटने के बाद वे अपना जीवन यापन बेहतर ढंग से कर सकें। मिजाजी लाल ने बताया कि शाहजहांपुर जेल में बंदी जरी जरदोजी, सिलाई, कढ़ाई का काम सीखकर अब काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस जेल में 100 ऐसे कैदी हैं जो बेहतर ढंग से लिखना-पढ़ना सीख चुके हैं। अभी भी 100 कैदी क्लास 5 से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई कर रहे हैं।

रोजाना लगती है क्लास

जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने आगे बताते हुए कहा कि जेल में रोजाना सुबह 9 से 11 बजे तक क्लासेस चलती हैं, इन्हें पढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने एक महिला और एक पुरुष टीचर को काम सौंपा है। यहां उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी कामराज आर्य, इंटर तक के बंदियों को पढ़ाते हैं। कैदी कामराज खुद M.SC B.ed हैं। उन्होंने आगे कहा कि जेल में कैदियों को नियमित योग सिखाया जाता है। जेल अधीक्षक ने कहा कि एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत उन्होंने जेल में महिला बंदियों के लिए जरी-जरदोजी के काम सिखाने पर जोर दिया है। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद महिलाएं लहंगा, साड़ी, दुपट्टे पर जरी का काम करेंगी और इसकी बिक्री से होने वाली इनकम में से 10 फीसदी काटकर पूरा पैसा उन महिलाओं को दिया जाएगा।

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