Sunday, May 05, 2024
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद हमारे काम में तेजी आई: केजरीवाल

केजरीवाल ने दोहराया कि वह आठ फरवरी के चुनाव के लिए आप सरकार द्वारा किए गए काम पर फोकस करना चाहते हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है।

IANS Reported by: IANS
Published on: February 02, 2020 17:54 IST
Arvind Kejriwal- India TV Hindi
Image Source : PTI Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal during an election campaign roadshow in Kirari ahead of the Assembly elections,

नई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात का खंडन किया है कि उनकी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में ज्यादातर काम किए हैं। केजरीवाल ने कहा कि शीर्ष न्यायालय के चार जुलाई, 2018 को दिए गए फैसले के बाद दिल्ली सरकार को वास्तव सत्ता मिली, जिसके बाद ही सरकार के काम में तेजी आई। केजरीवाल ने IANS से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद से ही फैसले लेने शुरू कर दिए। अदालत के फैसले के चलते सरकार और अधिक काम और घोषणाएं कर सकी।

उन्होंने कहा, "चार जुलाई के बाद से हमारे कार्यो को देखें। यहीं से निर्णायक मोड़ आया। हमने अनधिकृत कॉलोनियों के लिए बहुत-से काम किए हैं। दिसंबर 2018 के बाद से कई नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च से मई 2019 के दौरान आचार संहिता के चलते कुछ समय के लिए कार्य रोकना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद तेजी से काम हो सका। हमने बहुत तेजी से काम किया और ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हमें निर्णय लेने की आजादी मिल गई और फाइलों को नहीं रोका जा रहा था।"

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि शुरुआत के दो से 2.5 साल तक अधिक कार्य नहीं हो सके, क्योंकि फाइलों को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजना पड़ता था। शीर्ष न्यायालय ने चार जुलाई, 2018 को अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की 'सहायता और सलाह' से बाध्य हैं। इस फैसले ने शहर की सरकार को पुन: शक्तियां प्रदान कीं। सत्ता की शक्तियों को लेकर ही दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच प्रशासनिक मुद्दे पैदा हो गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा, "चुनाव तारीख की घोषणा होने से एक दिन पहले और ठीक पहले तक हम काम कर रहे थे।"

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा, "हमने संसद में इसके खिलाफ मत किया था। मैं लगभग रोज इसी पर बयान दे रहा हूं।" आप संयोजक ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि जनता उन्हें उनकी सरकार के काम के आधार पर वोट दे। उन्होंने कहा, "हम शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और बिजली पर किए गए अपने काम के आधार पर वोट चाहते हैं।" मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था गृह मंत्रालय के अधीन है और इसे ठीक करना गृहमंत्री (अमित शाह) का काम है।

केजरीवाल ने कहा, "लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं इसे लेकर चिंतित नहीं हूं। मुझे जब भी लगता है मैं कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उपराज्यपाल से बात करता हूं।" केजरीवाल ने दोहराया कि वह आठ फरवरी के चुनाव के लिए आप सरकार द्वारा किए गए काम पर फोकस करना चाहते हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है। उन्होंने कहा, "उनके पास कोई चेहरा नहीं है, लोग जानना चाहते हैं कि उनका नेता कौन होगा।"

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