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रिटायर हुआ MiG-21 लड़ाकू विमान, भारत कब आया था F-16 किलर, क्या थी इसकी खूबियां? यहां जानें

भारतीय वायुसेना का MiG-21लड़ाकू विमान रिटायर हो गया है। चंडीगढ़ में वायुसेना के अड्डे पर एक समारोह में MiG-21 को विदाई दी गई है। इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े अधिकारी और ऑफिसर मौजूद रहे।

Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Sep 26, 2025 10:51 am IST, Updated : Sep 26, 2025 02:30 pm IST
मिग-21 लड़ाकू विमान का...- India TV Hindi
Image Source : PTI/INDIA TV मिग-21 लड़ाकू विमान का रिटायरमेंट।

भारतीय वायुसेना का MiG-21 लड़ाकू विमान गुरुवार 26 सितंबर को रिटायर हो गया है। 60 साल से भी ज्यादा समय तक देश की सेवा करने के बाद अब MiG-21 लड़ाकू विमान इतिहास का हिस्सा बन गया है और इसकी विदाई हो गई है। आपको बता दें कि इस विमान ने 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध और करगिल जंग समेत कई अहम मौकों पर बड़ी भूमिका निभाई है। तो MiG-21 लड़ाकू विमान भारत आया कब था? इसकी खूबियां क्या थीं? आखिर क्यों इस विमान को बार-बार रिटायर करने की मांग की जा रही थी? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारी इस खबर में...

भारत कब आया मिग-21?

मिग-21 लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना में साल 1963 में शामिल किया गया था। ये लड़ाकू विमान लंबे समय तक भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार रहा। भारतीय वायुसेना ने अब तक 870 से ज्यादा मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे थे। मिग-21 के बारे में भारतीय वायुसेना का कहना है कि "छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियां, एक ऐसा योद्धा जिसने राष्ट्र के गौरव को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।"

indian air force MIG 21 Jet retirement

Image Source : PTI/INDIA TV
आज आखिरी उड़ान भरेगा MiG-21

क्यों कहा गया- F-16 किलर?

मिग-21 विमान 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में प्रमुख लड़ाकू विमान थे। इस विमान ने 1999 के करगिल संघर्ष के साथ-साथ 2019 के बालाकोट हवाई हमलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2019 के फरवरी महीने में बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान मिग-21 ने पाकिस्तान के आधुनिक F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। F-16 अमेरिका द्वारा बनाए गए सबसे कामयाब लड़ाकू विमानों में से एक हैं। F-16 को मार गिराने की कामयाबी को हासिल करने के बाद मिग-21 की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी।

indian air force MIG 21 Jet retirement

Image Source : PTI/INDIA TV
मिग-21 विमान की खूबियां।

MIG-21 की खूबियां और इतिहास

मिग-21 लड़ाकू विमान को रूस (तत्कालीन सोवियत यूनियन) ने 1950 के दशक में बनाया था। इसे साल 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। मिग-21 भारतीय वायुसेना का भरोसेमंद और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाला लड़ाकू विमान रहा है। मिग-21 के पास मैक 2 (आवाज की गति से दोगुना) की स्पीड तक पहुंचने की क्षमता थी। इस विमान की रेंज 1,470 किलोमीटर तक की थी और ये 9,800 किलोग्राम तक के वजन को लेकर उड़ान भर सकता था। इस विमान में मिसाइल फिट करने के लिए 4 हार्डप्वाइंट्स दिए गए थे।

क्यों कहा गया फ्लाइंग कॉफिन?

भारतीय वायुसेना मिग-21 के सबसे उन्नत संस्करण मिग-21 बाइसन का इस्तेमाल करती थी। हालांकि, बीते कुछ सालों से मिग-21 को फ्लाइंग कॉफिन यानी उड़ता ताबूत के नाम से जाना जाने लगा था। इसका कारण था कि एक बाद एक मिग-21 विमानों के क्रैश होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं। भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद से सैकड़ों मिग-21 क्रैश हुए और सैकड़ों की संख्या में पायलटों की जान भी गई। हालांकि, वायुसेना के कई जानकार कहते हैं कि मिग-21 को फ्लाइंग कॉफिन कहना इसके साथ बहुत बड़ा अन्याय है। 

कौन करेगा मिग-21 की भरपाई?

मिग-21 विमानों के रिटायर होने के बाद भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन की संख्या कम होकर 29 रह जाने का अनुमान है। भारतीय वायुसेना में मिग-21 विमानों की जगह स्वदेशी तेजस विमान लेंगे। फरवरी 2021 में वायुसेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 83 तेजस Mk-1A के लिए ₹48,000 करोड़ का सौदा किया था। इसके बाद हाल ही में 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट के लिए 62,370 करोड़ रुपये का सौदा किया गया है।

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