नेपाल में सरकार के खिलाफ चलाए गए जेन-जी विरोध प्रदर्शन के बीच एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक मंदिर के बाहर काफी संख्या में लोगों की भीड़ दिख रही है और मंदिर के गेट पर प्रदर्शनकारी विरोध करते दिख रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए कुछ लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर नेपाल का प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर है, जिसे प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया है। लेकिन जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो हमने पाया कि यह दावा पूरी तरह झूठा और फर्जी है। यह वीडियो नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में मार्च 2025 में हुए एक उत्सव के वक्त जमा हुई भीड़ का है।
क्या किया जा रहा है दावा?
फेसबुक पेज ‘अपना प्रदेश न्यूज नेटवर्क’ ने 10 सितंबर को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “गुस्सा अगर सरकार से है, तो निशाना पशुपतिनाथ मंदिर क्यों? ये मंदिर सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की आस्था और पहचान का प्रतीक है। सरकार के खिलाफ विरोध समझ आता है, लेकिन मंदिर के दरवाज़े तोड़ने की कोशिश? असली गुस्सा कहाँ है? और चोट मंदिर पर क्यों? #NepalRiots #AttackonPashupatinathmandir.”
पड़ताल
हमने जब इस वीडियो को पड़ताल गूगल लेंस के जरिए की तो हमें की फ्रेम्स के हिसाब से सर्च किया। इसे सर्च करने पर हमें यह वीडियो राहुल झा नाम के एक यूजर द्वारा शेयर किया गया मिला, जिसमे समान दावे का साथ 10 सितंबर 2025 को ये वीडियो पोस्ट किया गया था। इस वीडियो के कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने इसे फर्जी बताया और एक स्क्रीनशॉट को शेयर किया। स्क्रीनशॉट के मुताबिक, पशुपतिनाथ मंदिर कमेटी ने कहा है, “पशुपतिनाथ मंदिर में दिख रहा वीडियो पुराना है और मंदिर परिसर फ़िलहाल खाली और सामान्य स्थिति में है।”
इसके बाद जब हमने आगे की पड़ताल कि तो ‘Hamro jatra’ नाम के एक फेसबुक पेज पर इस वीडियो को 14 जुलाई को अपलोड किया गया है। वीडियो के अनुसार, यह वीडियो पशुपति मंदिर की शोभायात्रा के दौरान का है। ‘Jatra Bewastapan Samati’ नाम के फेसबुक पेज की तरफ से 21 मार्च को इस वीडियो को अपलोड किया गया, जिसमें बताया गया है कि यह वीडियो ‘घोडे जात्रा’ (उत्सव) का है।





