Saturday, May 11, 2024
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Gujarat News: हाईकोर्ट ने 4 आरोपियों को 6 साल बाद दी जमानत, दलितों को कोड़े मारने के थे आरोपी

Gujarat News: हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल करिएल ने सोमवार को 4 आरोपियों की नियमित जमानत मंजूर कर ली। हालांकि, कोर्ट ने उनके गिर सोमनाथ जिले में प्रवेश को तब तक प्रतिबंधित कर दिया जब तक निचली अदालत में पीड़ितों और अन्य की गवाही समाप्त नहीं हो जाती।

Shailendra Tiwari Edited By: Shailendra Tiwari @@only_Shailendra
Published on: July 25, 2022 22:15 IST
High court of Gujarat- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO High court of Gujarat

Highlights

  • मृत गाय की खाल निकालने को लेकर की थी पिटाई
  • पीड़ितों को एक वाहन से बांध कर पीटा गया था
  • मोटा समाधियाला गांव में हुई थी घटना

Gujarat News: गुजरात हाईकोर्ट ने गिर सोमनाथ जिले के ऊना में जुलाई 2016 में कथित गोरक्षकों द्वारा दलितों को कोड़े मारने के मामले के 4 मुख्य आरोपियों को सोमवार को नियमित जमानत दे दी। पिछले छह साल में यह पहला मौका है जब आरोपियों को आदलत ने मामले में जमानत दी है । अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता पहले ही लगभग छह साल की सजा काट चुके हैं, और मामले की सुनवाई में कुछ खास प्रगति नहीं हुई है।

आरोपी नहीं कर सकेंगे जिले में प्रवेश

 
आरोपी कथित गोरक्षकों के एक समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने 11 जुलाई 2016 को मोटा समाधियाला गांव में एक मृत गाय की खाल निकालने के लिए कुछ दलित लोगों पर हमला किया था। हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल करिएल ने सोमवार को 4 आरोपियों की नियमित जमानत मंजूर कर ली। हालांकि, कोर्ट ने उनके गिर सोमनाथ जिले में प्रवेश को तब तक प्रतिबंधित कर दिया जब तक निचली अदालत में पीड़ितों और अन्य की गवाही समाप्त नहीं हो जाती। आरोपी रमेश जादव, प्रमोदगिरी गोस्वामी, बलवंत गिरी गोस्वामी और राकेश जोशी जिले में केवल निचली अदालत की सुनवाई में शामिल होने के लिए ही प्रवेश करेंगे।

कोर्ट ने मामले में की टिप्पणी

आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने 6 साल जेल में बिताए हैं।  यह अवधि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम के तहत अधिकतम 5 साल की सजा के प्रावधान से अधिक है। इसके अलावा हत्या के प्रयास और डकैती के मामले में IPC के तहत मिलने वाली अधिकतम 10 साल की सजा के आधे से भी अधिक है, जिसके तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज है। कोर्ट ने राज्य के कानून विभाग के सचिव को भी नोटिस जारी कर 5 अगस्त तक जवाब मांगा है और मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

घटना में, जिसके वीडियो के कारण पूरे देश में आक्रोश फैल गया था, पीड़ितों को एक वाहन से बांध दिया गया और कथित तौर पर मृत गाय की खाल उतारने के लिए पीटा गया, जिसके बाद ऊना पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई। 

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