Monday, April 29, 2024
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Gujarat News: माता-पिता ने खेत में जिंदा दफना दिया था बच्चा, सुरक्षित निकाले जाने के 9 दिन बाद तोड़ा दम

Gujarat News: 4 अगस्त को बच्चे को हितेंद्र सिंह नाम के एक किसान के खेत में दफनाया गया था। किसान जब खेत पर पहुंचा तो उसे बच्चे का एक हाथ दिखा, और जब उसने उस जगह खुदाई की तो वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गया।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal
Updated on: August 11, 2022 16:56 IST
infant baby died - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV (REPRESENTATIONAL IMAGE) infant baby died

Highlights

  • 4 अगस्त को खेत से जिंदा बचाया गया था नवजात
  • 9 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी से लड़ते हुए नवजात ने तोड़ा दम
  • माता-पिता के खिलाफ हत्या की धारा लगाई जाएगी

Gujarat News: गुजरात में एक नवजात ने 9 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी से लड़ते हुए दम तोड़ दिया। नवजात को उसके माता पिता ने जिंदा दफना दिया था लेकिन एक किसान ने उसे बचा लिया। गुरुवार सुबह हिम्मतनगर के सरकारी अस्पताल में इस नवजात ने अंतिम सांस ली। सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष कटारकर ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बुधवार की रात उसे कई समस्याएं हुई हालांकि डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की, लेकिन सुबह करीब 5 बजे उसकी मृत्यु हो गई।

खेत में किसान को दिखा था बच्चे का एक हाथ

डॉक्टर ने कहा कि गोम्बोई पुलिस अधिकारी को मौत के बारे में सूचित कर दिया गया है और पुलिस प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पोस्टमार्टम किया जाएगा और बाद में पुलिस के निर्देशो के अनुसार अंतिम संस्कार भी होगा। नवजात के माता-पिता न्यायिक हिरासत में हैं। 4 अगस्त को बच्चे को हितेंद्र सिंह नाम के एक किसान के खेत में दफनाया गया था। किसान जब खेत पर पहुंचा तो उसे बच्चे का एक हाथ दिखा, और जब उसने उस जगह खुदाई की तो वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गया।

‘बाहर निकला हुआ था बच्चे का हाथ’
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, जिस बच्चे को खेत में दफानाया गया था, उसे सुबह एक किसान ने देखा। कीचड़ के बाहर एक छोटा-सा हाथ देखकर उसने दूसरों की मदद से उस जगह खुदाई की ताकि बच्चे को बचाया जा सके। बच्चे को जब निकाला गया तो उसकी सांसें चल रही थीं, जिसके बाद उसे आनन-फानन में हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा था।

infant baby died

Image Source : IANS
infant baby died

किसान हितेंद्र सिंह ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि गुरुवार की सुबह जब वह अपने खेत पर पहुंचे तो उन्होंने जमीन से बाहर एक बच्चे का हाथ देखा। सिंह ने कहा, ‘यह देखते ही मैंने एक इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के दफ्तर के कर्मचारियों से मदद मांगी, जो मेरे खेत के ठीक बगल में है। वे सभी दौड़ पड़े और उनमें से एक ने बच्चे को बचा लिया। गड्ढा गहरा नहीं था और चूंकि बच्चा जीवित था, इसलिए साफ था कि किसी ने इसे गुरुवार सुबह ही दफनाया होगा।’

बच्चे के माता-पिता गिरफ्तार
वहीं, पुलिस को 24 घंटे से भी कम समय में बच्चे के माता-पिता मिल गए, जिनकी पहचान मंजुला और शैलेश बजनिया के रूप में हुई है। उन्होंने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि बच्चे को दफना दिया था क्योंकि उसका जन्म समय से पहले हो गया। आर्थिक रूप से कमजोर माता पिता ने बच्चे को दफनाने का फैसला लिया था। पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोप में माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है। अब शिशु की मौत के बाद दंपति के खिलाफ हत्या की धारा लगाई जाएगी।

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