Sunday, May 05, 2024
Advertisement

Ramadan 2022: डायबिटीज में रखने वाले हैं रोजा, इन बातों को रखिए ध्यान

अगर आप भी रोजा रखने वाले हैं मगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने वाले हैं जिससे आप रोजे भी रख पाएंगे और बीमार भी नहीं होंगे।

India TV Health Desk Written by: India TV Health Desk
Updated on: March 30, 2022 12:24 IST
Ramadan 2022- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Ramadan 2022

Highlights

  • रमजान का महीना 2 अप्रैल से शुरू होगा।
  • रमजान में रोजा रखना स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।

हेल्थ डेस्क:  2 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू होने जा रहा है। इस्लाम धर्म के लिए ये पाक महीना होता है, इस दौरान वो रोजा रखते हैं और पूरे महीने इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार चलते हैं और सुबह सूरज निकलसे से शाम सूरज के ढलने तक उपवास रखते हैं। फास्टिंग का काफी महत्व है तभी तो आज इंटरमिटेंट फास्टिंग इतनी ट्रेंड में है, इससे कई फायदे होते हैं। मन तो पाक होता ही है शरीर भी साफ होता है। अगर आप भी रोजा रखने वाले हैं मगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने वाले हैं जिससे आप रोजे भी रख पाएंगे और बीमार भी नहीं होंगे।

नवरात्रि 2022: दिनभर तरोताजा रखेगा फलों का रायता, पेट रहेगा भरा, वेट लॉस में भी मददगार

सूरज निकलने से पहले के आहार को सुहूर और सूर्यास्त के बाद के आहार को इफ्तार कहा जाता है। कुरान में रोजे का काफी महत्व है क्योंकि इससे बुरे विचारों को मन से दूर कर अपनी रूह को शुद्ध करने का मौका होता है।

महीने भर के लिए उपवास रखना हमारे शारीरिक प्रणाली के शुद्धिकरण और तन और मन को संतुलित करने का अच्छा तरीका है, मगर डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों की सेहत के लिए खाली पेट रहना खतरनाक हो सकता है। यह बात शुगर पीड़ितों के मन से यह सवाल पैदा करती है कि रोजे रखें या न रखें। अपने धार्मिक अकीदे और भावनाओं को तरजीह दें या अपनी सेहत को।

चैत्र नवरात्र : फलाहारी व्रत के जरिए कम होगा पेट का साइज, इन फलों को कीजिए उपवास में शामिल

डायबिटीज में रोजा रखने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

जिन्हें टाइप 1 डायबिटीज है उन्हें बिल्कुल भी भूखा नहीं रहना चाहिए क्योंकि उन्हें हाईपोग्लेसीमिया यानी लो ब्लड शुगर होने का खतरा रहता है। आम तौर पर पाई जाने वाली टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग रोजा रख सकते हैं लेकिन उन्हें नीचे दी गई बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए ताकि उनकी सेहत खराब ना हो। आइए बताते हैं आपको किन बातों का ध्यान रखना है-

  • स्लफोनाइल्योरियस और क्लोरप्रोप्माइड जैसी दवाएं जो आप डायबिटीज में लेते हैं इन्हें रोजे के वक्त नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे लंबे समय के लिए ब्लड शुगर लो हो सकती है, जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
  • लंबी अवधि की इंसुलिन की दवा जरूरत के अनुसार कर लेनी चाहिए और शाम के खाने से पहले लेनी चाहिए।
  • छोटी अवधि के लिए इन्सुलिन लेना सुरक्षित होता है।
  • अगर मरीज की शुगर 70 से कम हो जाए या 300 तक पहुंच जाए तो उन्हें तुरंत रोजा खोल लेना चाहिए।
  • डायबिटीज के सभी मरीज जो रमजान के दौरान रोजे रखने जा रहे हैं उन्हें शुरूआत में अपना चैकअप जरूर करवा लेना चाहिए और पूरे महीने में भी नियमित जांच करवाते रहना चाहिए। इससे ना सिर्फ उन्हें आवश्यक सावधानियों के बारे में जानकारी मिलती रहेगी बल्कि उन्हें अपनी रूटीन बनाने में भी मदद मिलेगी ताकि उनकी सेहत पर इसका कोई प्रभाव ना पड़े।

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement