सुबह-सुबह उठते ही अगर आपको जोड़ों में जकड़न और दर्द की समस्या होती है तो ऐसे आप अकेले नहीं हैं। बहुत से लोगों को यह समस्या होती है, खासकर बढ़ती उम्र, ठंड के मौसम या गठिया जैसी स्थितियों में। इस समस्या को “मॉर्निंग स्टिफनेस” कहा जाता है। कानपुर में स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट - आर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन डॉ. मानव लूथरा, बता रहे हैं कि आखिर सुबह के समय हमारे जोड़ों में इतनी कठोरता क्यों महसूस होती है और इससे राहत पाने के क्या तरीके हैं।
सुबह जोड़ों में जकड़न क्यों होती है?
रात में जब हम सोते हैं, तो शरीर का मूवमेंट बहुत कम होता है। इस दौरान जोड़ों के चारों ओर की झिल्ली में मौजूद सिनोवियल फ्लूइड का प्रवाह भी धीमा हो जाता है। यही फ्लूइड जोड़ों को लचीला बनाए रखता है। जब इसका प्रवाह कम हो जाता है, तो सुबह उठते ही जोड़ों में घर्षण बढ़ जाता है। इसके अलावा, शरीर में सूजन बढ़ने से भी मॉर्निंग स्टिफनेस होती है। गठिया वाले लोगों में रात के समय सूजन अधिक बढ़ जाती है, जिससे सुबह उठते ही दर्द और अकड़न ज्यादा महसूस होती है।
किन कारणों से बढ़ती है यह परेशानी?
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों और जोड़ों की लचक कम हो जाती है, जिससे सुबह जकड़न महसूस होती है। गठिया या जोड़ों की सूजन, जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस में भी यह लक्षण आम होता है। ठंडा मौसम मांसपेशियों को सिकोड़ता है, जिससे जोड़ों की जकड़न और बढ़ जाती है। लंबे समय तक बैठना या एक ही पोजिशन में रहना भी जोड़ों की गतिशीलता को घटाता है। इसके अलावा कम पानी पीना और पोषण की कमी, जैसे शरीर में फ्लूइड, विटामिन डी या कैल्शियम की कमी, भी जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
राहत पाने के उपाय
-
सुबह हल्की एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद है, इससे खून का प्रवाह बढ़ता है और जोड़ों में गर्माहट आती है जिससे जकड़न और स्टिफनेस कम होती है।
-
गुनगुने पानी से नहाना भी मांसपेशियों और जोड़ों को आराम देता है और दर्द को कम करता है।
-
पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना बहुत जरूरी है, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन D और कैल्शियम शामिल हों, क्योंकि ये जोड़ों को मजबूती और लचीलापन प्रदान करते हैं।
-
वजन को नियंत्रित रखना भी आवश्यक है, क्योंकि अतिरिक्त वजन जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है और दर्द या जकड़न को और बढ़ा सकता है।
-
इसके अलावा पर्याप्त नींद लेना और लंबे समय तक एक ही पोजिशन में न बैठना भी जोड़ों की सेहत बनाए रखने में मदद करता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।