Friday, March 29, 2024
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बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ पर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान

मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को लोगों से अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में किए गए अन्याय को याद रखने और इस बारे में अगली पीढ़ी को बताने का आग्रह किया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 06, 2020 20:00 IST
बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ पर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान- India TV Hindi
Image Source : OWAISI'S TWITTER बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ पर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान

हैदराबाद: मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को लोगों से अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में किए गए अन्याय को याद रखने और इस बारे में अगली पीढ़ी को बताने का आग्रह किया। मस्जिद के विध्वंस की 28 वीं वर्षगांठ पर, हैदराबाद के सांसद ने ट्विटर पर अपने विचारों को साझा किया।ओवैसी ने कहा, "याद रखें और अगली पीढ़ी को सिखाए : 400 से ज्यादा वर्षो से हमारी बाबरी मस्जिद अयोध्या में खड़ी थी। हमारे पूर्वजों ने इसके हॉल में नमाज अता की, इसके आंगन में एक साथ अपना उपवास तोड़ा और जब वे मर गए, तो बगल के कब्रिस्तान में दफन हो गए।"

उन्होंने कहा, "22-23 दिसंबर, 1949 की रात को, हमारी बाबरी मस्जिद पर 42 साल तक अवैध रूप से कब्जे किया गया। 1992 में, आज ही के दिन पूरी दुनिया के सामने हमारी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को एक दिन की भी सजा नहीं हुई। इस अन्याय को कभी मत भूलना।" इस बीच, विभिन्न मुस्लिम संगठनों की अपील पर हैदराबाद और तेलंगाना के कई हिस्सों में इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया। कुछ इलाकों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर दशकों तक चले विवाद पर उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब विराम लग गया है और भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है लेकिन यह जान लेना महत्वपूर्ण होगा कि संबंधित स्थल पर बनी बाबरी मस्जिद को 28 बरस पहले कारसेवकों ने छह दिसंबर के दिन गिरा दिया था। उनका मानना था कि यह मस्जिद मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में घटी यह घटना इतिहास में प्रमुखता के साथ दर्ज है। 

इससे देश के दो संप्रदायों के बीच दरार और गहरा गई थी। इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिनमें जान और माल का भारी नुकसान हुआ। वैसे तो 6 दिसंबर 1992 के दिन की शुरुआत साल के बाकी दिनों की तरह सामान्य ही थी, लेकिन भगवान राम की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए सांकेतिक नींव रखने के इरादे से अयोध्या पहुंचे हजारों लोगों ने अचानक बाबरी मस्जिद को गिराकर इस दिन को इतिहास में दर्ज करा दिया। 

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