Thursday, April 18, 2024
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चमोली में पुल टूटने से अलग हो गए 13 गांव, बचाव कार्य जारी, पहुंचाई जा रही है राहत सामग्री

चमोली के डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि पुल टूटने से जो 13 गांव अलग हो गए हैं उनके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हमारी मेडिकल टीमें भी पहुंच गई हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 08, 2021 12:38 IST
Chamoli Ground Report 13 villages isolated after bridge collapse चमोली में पुल टूटने से अलग हो गए 13- India TV Hindi
Image Source : PTI Family members of the workers stuck inside the Tapovan Tunnel, after a glacier broke off in Joshimath causing a massive flood in the Dhauli Ganga river, in Chamoli district of Uttarakhand

चमोली. उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने की वजह से भीषण तबाही मची। ग्लेशियर टूटने के कारण आई बाढ़ के कारण यहां बना पुल भी टूट गया, जिस वजह से 13 गांव अलग हो गए हैं। यहां कई लोग पहाड़ों पर फंस गए हैं, जिन्हें बचाने के लिए बचाव कार्य चल रहा है। चमोली के डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि पुल टूटने से जो 13 गांव अलग हो गए हैं उनके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हमारी मेडिकल टीमें भी पहुंच गई हैं। जो लोग अलग-अलग पहाड़ों पर फंसे हुए हैं उनके लिए भी बचाव कार्य चल रहा है

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बड़ी सुरंग से मिट्टी हटाने का काम जारी

DG NDRF एस.एन. प्रधान ने बताया कि अभी उनका पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं। सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है। जल्द ही उस स्थान तक पहुंचने की उम्मीद है जहां पर लोग जीवित हैं। इससे पहले उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता हैं। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद ISRO के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सकें।

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रविवार को चमोली में क्या हुआ?
उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। इस वजह से ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले कामगार इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। आपदा में पहाड़ों से तेज गति से आ रही नदी के बहाव की राह में आने वाले घर बह गए हैं। बहाव से नीचे की ओर मौजूद इंसानी बस्तियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है तथा अनेक गांवों को खाली करवा लिया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 

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पीएम मोदी ने की स्थिति की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और देश सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों से संबंधित जानकारियां लगातार ले रहा हूं।’’

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