Friday, April 19, 2024
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छत्तीसगढ़ के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के इलाज की फीस तय की गई, जानें क्या है रेट

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का शुल्क तय कर दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 06, 2020 18:32 IST
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Image Source : PTI FILE छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का शुल्क तय कर दिया है।

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का शुल्क तय कर दिया है। अधिकारी ने रविवार को बताया कि मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च उठाना पड़ेगा जिसे अलग-अलग जिलों में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधा के आधार पर 'ए', 'बी' और 'सी' श्रेणियों में बांटा गया है। जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने बताया कि महामारी अधिनियम 1897, छत्तीसगढ़ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम 1949 और छत्तीसगढ़ महामारी कोविड-19 नियम 2020 के तहत शनिवार को आदेश जारी किया गया है।

जानें, किन श्रेणियों में हैं सूबे के जिलों के अस्पताल

उन्होंने बताया कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जैसे प्रमुख जिलों के अस्पतालों को 'ए' श्रेणी में रखा गया है। वहीं, सरगुजा, महासमंद, धमतारी, कांकेर, जांजगीर-चंपा, बलौदाबाजार-भाटपारा, कबीरधाम और बस्तर जिलों को 'बी' श्रेणी में शामिल किया गया है। अधिकारी ने बताया कि राज्य के शेष जिलों को 'सी' श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 'ए' श्रेणी में राष्ट्रीय प्रत्यायन अस्पताल बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल मामूली रूप से बीमार मरीज से 6,200 रुपये प्रति दिन, गंभीर रूप से बीमार रोगी से 12,000 रुपये प्रतिदिन और बहुत गंभीर रूप से बीमार मरीज से 17,000 रुपये प्रति दिन ले सकते हैं।

‘आदेश की अवहेलना करने पर दंडित किया जाएगा’
अधिकारी ने बताया कि NBH से गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल मामूली रूप से बीमार मरीज, गंभीर रूप से बीमार मरीज और बहुत गंभीर रूप से बीमार रोगी से क्रमशः 6200, 10,000 और 14,000 रुपये प्रतिदिन ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि 'बी' श्रेणी के अस्पताल मरीजों की इन तीन श्रेणी के इलाज के वास्ते 'ए' श्रेणी के लिए तय की गई दर का 80 फीसदी ले सकते हैं जबकि 'सी' श्रेणी के अस्पताल 60 फीसदी शुल्क ले सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि आदेश की अवहेलना करने पर दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बिना लक्षण वाले या मामूली लक्षण वाले उन मरीजों के लिए ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श शुल्क 250 प्रति दिन रुपये रखने का फैसला किया है जिनका इलाज घर से चल रहा है। (भाषा)

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