Friday, March 29, 2024
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किसान आंदोलन में हिंसा के बाद 'चौधरी' बन रहा चीन, कही बड़ी बात

Liu Zongyi ने कहा कि भारत चीन की तरफ खेती के जरिए रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर पाया है। भारत में पहले से ही बहुत सारी बेकार लेबर है और उनमें से ज्यादातर कम शिक्षित है। यदि भारत औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है, तो देश आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सक्षम होगा। लेकिन भारत में अभी भी ऐसी क्षमता का अभाव है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 28, 2021 11:07 IST
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Image Source : PTI किसान आंदोलन में हिंसा के बाद 'चौधरी' बन रहा चीन, कही बड़ी बात

नई दिल्ली. मंगलवार को देश की राजधानी नई दिल्ली में किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जमकर हिंसा हुई। इस खबर ने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी। भारत में हुई इस हिंसा पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन को भी टिप्पणी करने का बहाना मिल गया। अपने नागरिकों का पिछले 50 साल से ज्यादा समय से उत्पीड़न कर रहे इन दोनों देशों ने दिल्ली में हिंसा करने वालों से हमदर्दी जताई है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक आर्टिकल में इस आंदोलन को भारत के सबसे बड़े आंदोलनों में से एक बताया गया है। आर्टिकल में कहा गया है मोदी सरकार द्वारा लाए गए रिफॉर्मों का बड़ा टेस्ट हो रहा है।

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लेख में कहा गया है कि हाल के वर्षों में, भारत अपनी ताकत बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। हालांकि, इस साल के दिल्ली गणतंत्र दिवस परेड के दौरान, जब भारत बाहरी दुनिया को अपनी सैन्य शक्ति प्रदर्शित कर रहा था, तब भारतीय किसान नई दिल्ली के लाल किले पर हमला कर रहे थे। आर्टिकल में चीन की तारीफ करते हुए कहा गया है कि चीन के अनुभव के अनुसार, औद्योगिकीकरण की राह पर बढ़ने के लिए कृषि सुधार जरूरी है। इन वर्षों में, चीन ने एक पिछड़े कृषि राज्य को एक औद्योगिक देश में सफलतापूर्वक बदल दिया है। चीन ने औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।

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इस आर्टिकल में शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशल स्टडीज में चीन-दक्षिण एशिया सहयोग के लिए अनुसंधान केंद्र में सेक्रेटरी-जनरल Liu Zongyi ने कहा कि भारत के किसानों के विरोध का मूल कारण भूमि पर संघर्ष है। मोदी का मूल उद्देश्य किसानों को बाजार से अधिक लाभ दिलाना था, लेकिन जैसे-जैसे सुधार में बड़े वाणिज्यिक समूह शामिल होते हैं, और यह जमींदारों और कंपनियों के संगठन के बीच हितों का संघर्ष बन गया है।

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हालांकि इसके आगे  Liu Zongyi ने कहा कि भारत चीन की तरफ खेती के जरिए रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर पाया है। भारत में पहले से ही बहुत सारी बेकार लेबर है और उनमें से ज्यादातर कम शिक्षित है। यदि भारत औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है, तो देश आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सक्षम होगा। लेकिन भारत में अभी भी ऐसी क्षमता का अभाव है।

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लद्दाख में भारत के हाथों मात खाने वाले चीन ने आगे खिसियाते हुए लिखा कि मोदी प्रशासन अब बहुत सारी दिक्कतों का सामना कर रहा है। देश के अंदर किसानों का प्रदर्शन,कोरोना के अलावा चीन और अन्य पड़ोसी देशों के साथ मतभेद भी मोदी सरकार के लिए चैलेंज हैं। आर्टिकल में कहा गया है कि क्योंकि भारत की इंटरनल समस्याएं सुलझ नहीं रही हैं इसलिए भारत अमेरिका के साथ चीन को दबाना चाहता है, जो भारत के काम नहीं आने वाला।

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