Friday, April 26, 2024
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गोवा में टैक्सी चालकों की हड़ताल, ऐप आधारित सर्विस बंद करने की मांग

गोवा में सरकार के फैसले के विरोध में हजारों की संख्या में टैक्सी चालक हड़ताल पर चले गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने ऐप-आधारित कैब एग्रीगेटर को अपनी सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी, जिसका टैक्सी चालक विरोध कर रहे हैं।

IANS Reported by: IANS
Published on: August 02, 2019 14:44 IST
गोवा में टैक्सी चालकों की हड़ताल, ऐप आधारित सर्विस बंद करने की मांग- India TV Hindi
गोवा में टैक्सी चालकों की हड़ताल, ऐप आधारित सर्विस बंद करने की मांग

पणजी: गोवा में सरकार के फैसले के विरोध में हजारों की संख्या में टैक्सी चालक हड़ताल पर चले गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने ऐप-आधारित कैब एग्रीगेटर को अपनी सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी, जिसका टैक्सी चालक विरोध कर रहे हैं। डाबोलिम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, रेलवे और बस स्टेशनों पर पर्यटकों को हड़ताल के चलते असुविधा न हो इसके लिए सरकार ने राज्य परिवहन निगम की अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है। 

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने टैक्सी ऑपरेटरों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया। राज्य विधानसभा परिसर के बाहर सावंत ने पत्रकारों से कहा, "हम बात करने को तैयार हैं। यदि टैक्सी ऑपरेटर चाहें तो सरकार हड़ताली टैक्सी ऑपरेटरों के लिए एक विशेष ऐप सेवा शुरू कर सकती है। लेकिन उन्हें तकनीक को बढ़ावा देना होगा।"

हालांकि उन्होंने कैब एग्रीगेटर सर्विस गोवामाइल्स को बंद करने से इनकार कर दिया। सावंत ने कहा कि गोवा आने वाले पर्यटकों को असुविधा ना हो इसके लिए कदम उठाए गए हैं। गोवा टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के प्रमुख चेतन कामत ने कहा, गोवामाइल्स को बंद करने की अपनी मांग पर कैब चालक अड़े हैं। 

कामत ने कहा, "सरकार को चाहिए कि एक समान अवसर के लिए वह इसे स्वयं बंद कर दे।" गोवामाइल्स सर्विस देने वाली एक निजी कंपनी है, जिसकी पर्यटन निगम के साथ साझेदारी है। गोवा में करीबन 30 हजार पुरानी पर्यटक टैक्सियों के चालकों के एक बड़े हिस्से पर अक्सर अधिक रुपये चार्ज करने, डराने और संचालन करने का आरोप लगता रहा है।

राज्य सरकार ने किराया मीटर प्रणाली को स्थापित करने के कई प्रयास किए लेकिन सब विफल रहे। यहां तक कि हाईकोर्ट ने अगस्त तक गोवा की टैक्सियों में किराया मीटर लगाने की समयसीमा निर्धारित की थी, इस पर भी अभी तक अमल नहीं हुआ है। 

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