Saturday, April 20, 2024
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सर्वोच्च न्यायालय ने कार्ति की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

लुकआउट नोटिस रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक पूर्व आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लुकआउट नोटिस सिर्फ उन लोगों के खिलाफ जारी किया जा सकता है, जो जानबूझकर गिरफ्तारी से या एजेंसियों के समक्ष पेश होने से बचने की कोशिश करते ह

IANS Reported by: IANS
Published on: September 01, 2017 14:39 IST
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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है, जिसे उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में जारी लुकआउट नोटिस के खिलाफ दायर की है। कार्ति ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह केंद्रीय जांच ब्यूरो के सामने दो बार पेश हुए थे और उन्होंने लुकआउट नोटिस रद्द करने की मांग की। ये भी पढ़ें: बकरीद पर कुर्बानी के खिलाफ खड़ा हुआ मुस्लिम समाज, जानें क्या है पूरा मामला

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने सीबीआई से जवाब मांगा और एजेंसी से कहा कि वह कार्ति से पूछताछ संबंधित सामग्री जमा करे।

अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने पीठ से आग्रह किया कि वह अपने निर्देश में पूछताछ से संबंधित सामग्री पेश करने की बात शामिल नहीं करे। कार्ति ने पीठ से कहा कि 23 अगस्त को उनसे आठ घंटे और 28 अगस्त को सात घंटे तक पूछताछ की गई थी और 100 से ज्यादा प्रश्न पूछे गए थे।

लुकआउट नोटिस रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक पूर्व आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लुकआउट नोटिस सिर्फ उन लोगों के खिलाफ जारी किया जा सकता है, जो जानबूझकर गिरफ्तारी से या एजेंसियों के समक्ष पेश होने से बचने की कोशिश करते हैं।

कार्ति की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने न्यायालय से कहा कि लुकआउठ नोटिस दुर्लभतम मामलों में जारी किया जाता है और उनके मुवक्किल के खिलाफ जारी नोटिस उसके मौलिक अधिकारों का गंभीर अतिक्रमण करता है।

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