Friday, May 03, 2024
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BJP वालों ने दिवाली पर दिल्ली में 'खास मकसद' से चलवाए पटाखे, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का आरोप

दिल्ली शुक्रवार को बढ़े प्रदूषण के स्तर के लिए गोपाल राय ने दिवाली पर चले पटाखों और आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार ठहराया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 05, 2021 15:29 IST
BJP वालों ने दिवाली पर दिल्ली में 'खास मकसद' से चलवाए पटाखे, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का आरोप- India TV Hindi
Image Source : PTI BJP वालों ने दिवाली पर दिल्ली में 'खास मकसद' से चलवाए पटाखे, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली में दिवाली के दिन चले पटाखे और आतिशबाजी के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली में कुछ लोगों ने 'खास मकसद' से पटाखे चलाए हैं और इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ है। 

दिल्ली शुक्रवार को बढ़े प्रदूषण के स्तर के लिए गोपाल राय ने दिवाली पर चले पटाखों और आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार ठहराया है। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के आसपास पराली जलाए जाने की करीब 3,500 घटनाओं का असर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में दिखा।

दिल्ली की आबोहवा हुई जहरीली

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली पर खूब पटाखे जलाए जाने के बाद शुक्रवार को सुबह घने कोहरे की मोटी परत छायी रही जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा। प्राधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गयी जो 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है। बृहस्पतिवार शाम छह बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। 

पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़ें को पार कर गया और सुबह नौ बजे यह 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक क्रमश: 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘‘आपात’’ श्रेणी में मानी जाती है। 

दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जीनामणि ने कहा, ‘‘दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता कम होकर 200 से 500 मीटर के दायरे तक रह गयी। शहर के कई हिस्सों में दृश्यता कम होकर 200 मीटर तक रह गयी।’’ 

दिल्ली में 33 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 33 ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए। पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी। 

उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।

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