Thursday, April 25, 2024
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आईसीएमआर ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के दुष्प्रभावों पर शुरू किया अध्ययन

गंगाखेड़कर ने कहा, “ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की औसत आयु 35 साल है। एचसीक्यू लेने वाले कर्मियों में सबसे ज्यादा देखा गया दुष्प्रभाव पेट में दर्द था जबकि छह प्रतिशत कर्मियों में मितली की शिकायत देखी गयी।”

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 19, 2020 0:04 IST
ICMR begins study on side effects of hydroxychloroquine- India TV Hindi
ICMR begins study on side effects of hydroxychloroquine

नयी दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शनिवार को कहा कि भारत में जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना उपचार खुद करने के चक्कर में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का सेवन किया है उनमें दवा के दुष्प्रभाव दिखने लगे हैं जिसमें पेट में दर्द, मितली और हाइपोग्लाइसीमिया शामिल है। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि आईसीएमआर ने एचसीक्यू के दुष्प्रभावों पर एक अध्ययन शुरू किया है जिसमें एचसीक्यू लेने वाले कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

गंगाखेड़कर ने कहा, “ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की औसत आयु 35 साल है। एचसीक्यू लेने वाले कर्मियों में सबसे ज्यादा देखा गया दुष्प्रभाव पेट में दर्द था जबकि छह प्रतिशत कर्मियों में मितली की शिकायत देखी गयी।” उन्होंने कहा कि दो प्रतिशत से भी कम कर्मियों में हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में शर्करा की कमी)देखा गया। उन्होंने कहा कि अब तक किए गए अध्ययन में पाया गया कि एचसीक्यू का सेवन करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में से 22 प्रतिशत को पहले से कोई बीमारी थी। 

उन्होंने कहा, “अध्ययन में सामने आया है कि स्वास्थ्य कर्मी होने के बावजूद उनमें से 14 प्रतिशत ने एचसीक्यू का सेवन करने से पहले अपनी ईसीजी जांच नहीं कराई थी।” गंगाखेड़कर ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कोविड-19 के उपचार और रोकथाम के लिए एचसीक्यू की क्षमता पर अध्ययन कर रहा है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि स्वास्थ्य कर्मियों को डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करना चाहिए। 

उन्होंने बताया कि आईसीएमआर ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए एचसीक्यू की प्रभावोत्पादता पर अलग से शोध शुरू किया है जिसमें लगभग 480 मरीजों को सूचीबद्ध कर उन पर आठ सप्ताह तक अध्ययन किया जाएगा। आईसीएमआर ने इससे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों की देखभाल करने वालों के लिए एचसीक्यू के इस्तेमाल का सुझाव दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ अजीथ्रोमाइसिन के इस्तेमाल की सलाह दी थी। 

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