Tuesday, April 30, 2024
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लॉकडाउन में फंसे 6 लाख मजदूरों के लिए संकटमोचक बनी रेलवे, चलाईं 513 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

केन्द्र ने सोमवार को कहा कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के वास्ते अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 12, 2020 6:53 IST
Shramik Special Trains- India TV Hindi
Image Source : AP Shramik Special Trains

नयी दिल्ली। केन्द्र ने सोमवार को कहा कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के वास्ते अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा। सरकार ने बताया कि एक मई से अब तक 513 ऐसी ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं जिनसे देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे छह लाख से अधिक प्रवासी कामगार अपने गंतव्यों तक पहुंच चुके हैं। सोमवार शाम तक 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच गई हैं जबकि 105 रेलगाड़ियां रास्ते में थीं। 

रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया कि जो 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंची हैं उनमें आंध्र प्रदेश (एक रेलगाड़ी), बिहार (100 रेलगाड़ियां), हिमाचल प्रदेश (एक रेलगाड़ी), झारखंड (22 रेलगाड़ियां), मध्य प्रदेश (30 रेलगाड़ियां), महाराष्ट्र (तीन रेलगाड़ियां), ओडिशा (25 रेलगाड़ियां), राजस्थान (चार रेलगाड़ियां), तेलंगाना (दो रेलगाड़ियां), उत्तर प्रदेश (172 रेलगाड़ियां), पश्चिम बंगाल (दो रेलगाड़ियां) और तमिलनाडु (एक रेलगाड़ी) शामिल हैं। इन ट्रेनों से प्रवासी लोगों को तिरुचिरापल्ली, तितलागढ़, बरौनी, खंडवा, जगन्नाथपुर, खुर्दा रोड, प्रयागराज, छपरा, बलिया, गया, पूर्णिया, वाराणसी, दरभंगा, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, हटिया, बस्ती, कटिहार, दानापुर, मुजफ्फरपुर और सहरसा आदि शहरों तक पहुंचाया गया है। 

अधिक से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए अब सोमवार से प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 1,200 की जगह लगभग 1,700 यात्रियों को ले जाया गया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक बयान में कहा, ‘‘एमएचए और रेल मंत्रालय ने श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी श्रमिकों को ले जाये जाने पर आज सुबह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘इसमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। 

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि घर जाने के इच्छुक सभी लोगों की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी।’’ इसमें कहा गया कि प्रवासी श्रमिकों को जल्द से जल्द उनके पैतृक स्थानों पर ले जाने के वास्ते अगले कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन सौ से अधिक रेलगाड़ियों को चलाये जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में इन ट्रेनों का कोई ठहराव नहीं था, लेकिन रेलवे ने सोमवार को घोषणा की कि गंतव्य राज्य में तीन स्टेशनों पर ठहरने की अनुमति दी जा सकती है। 

कई राज्य सरकारों के अनुरोध के बाद यह बदलाव किया गया है। प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और प्रत्येक में 72 सीट होती हैं। अब तक सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को यात्रा की अनुमति दी जा रही है। रेलवे ने अभी तक विशेष सेवाओं पर होने वाली लागत की घोषणा नहीं की है। लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिये हैं कि रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले सरकार ने कहा था कि सेवाओं की लागत राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात में साझा की गई है। 

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