Friday, April 26, 2024
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नई शिक्षा नीति पर कल पहली बार बोलेंगे पीएम मोदी, उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर देंगे भाषण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 अगस्त 2020 को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर सम्मेलन' में उद्घाटन भाषण देंगे। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 06, 2020 19:56 IST
नई शिक्षा नीति पर कल पहली बार बोलेंगे पीएम मोदी, उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर देंगे भाषण- India TV Hindi
Image Source : FILE नई शिक्षा नीति पर कल पहली बार बोलेंगे पीएम मोदी, उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर देंगे भाषण

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 अगस्त 2020 को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर सम्मेलन' में उद्घाटन भाषण देंगे। इस सम्मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जा रहा है। देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद पहली बार पीएम मोदी इस विषय पर भाषण देनेवाले हैं। सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कवर किए गए शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि समग्र, बहु-विषयक एवं भविष्य की शिक्षाएं, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और शिक्षा में बेहतर पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी के समान उपयोग पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। विश्वविद्यालयों के कुलपति, संस्थानों के निदेशक और कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं अन्य हितधारक इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीम किया जाएग।

केंद्रीय कैबिनेट देश की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे चुकी है। इससे पहले शिक्षा नीति को 1986 में तैयार किया गया और 1992 में संशोधित किया गया था। डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने हेतु गठित समिति द्वारा तैयार किए गए एनईपी 2019 और उस पर प्राप्त हितधारकों की प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों के आधार पर इसे तैयार किया गया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "नई शिक्षा नीति के लिए परामर्श प्रक्रिया जनवरी 2015 में शुरू की गई थी। 33 चिन्हित किए गए विषयों पर बहुआयामी परामर्श प्रक्रिया में ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक जमीनी स्तर पर परामर्श हासिल किए गए। लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक, 6000 शहरी स्थानीय निकायों, 676 जिलों और 36 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में एक व्यापक, समयबद्ध, भागीदारी वाली परामर्श प्रक्रिया अपनाई गई।" (इनपुट-आईएएऩएस)

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