Friday, April 26, 2024
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​Rajat Sharma’s Blog: आ रही है कोरोना की वैक्सीन, तब तक सावधानी बरतें

आप सभी से मेरा अनुरोध है कि कृपया शादियों की भीड़भाड़ से दूर रहें। आप अनजाने में इस वायरस से खुद भी ग्रस्त हो सकते हैं और अन्य लोगों में भी इसे फैला सकते हैं।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 24, 2020 17:28 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

आखिर वह खुशखबरी आ ही गई जिसका बेसब्री से दुनिया के लोग इंतजार कर रहे थे। कोरोना की वैक्सीन (टीका) तैयार है और फरवरी तक भारत में स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा खतरे वाले लोगों को इस टीके की पहली खुराक प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। बाकी के लोगों को टीकाकरण के लिए मार्च या अप्रैल तक इंतजार करना पड़ेगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा तैयार किया जा रहा है। SII ने सरकार से इस वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगी है। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर तक अंत तक उसे हरी झंडी मिल जाएगी। कंपनी के CEO अदार पूनावाला ने कहा कि अब तक करीब 4 करोड़ खुराक का स्टॉक जमा कर लिया गया है और जनवरी तक यह स्टॉक बढ़कर करीब 10 करोड़ खुराक हो जाएगी।

कोविशिल्ड नाम की यह वैक्सीन बाजार में प्रति खुराक 500 से 600 रुपये की दर से उपलब्ध होगी, वहीं सरकार के लिए यह 220 से 300 रुपये में उपलब्ध होगी। हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी। यह वैक्सीन 70 प्रतिशत प्रभावी है और अगर दूसरी डोज़ भी ली जाती है तो इसका प्रभाव 90 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।  इस वैक्सीन को रखने के लिए फ्रीज़र की जरूरत नहीं होगी। फ्रिज में 2 से 8 डिग्री तापमान में भी इसे रखा जा सकता है इसलिए वैक्सीन को प्रिजर्व करने, स्टोर करने और उसे ट्रंसपोर्ट करने में मौजूदा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा। कोई नए इंतजाम नहीं करने होंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर टीकाकरण की देशव्यापी रणनीति और रूपरेखा तैयार करेंगे। हालांकि पूरी योजना स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, योजना आयोग और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा पहले से ही तैयार कर ली गई है। 

उधर अमेरिका में फाइज़र कंपनी ने ऐलान किया है उसने सरकार से वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल (आपातकालीन स्वीकृति) मांगी है और अगर11 दिसंबर तक उसे अप्रूवल मिल जाता है तो वैक्सीन की पहली खुराक 12 दिसंबर से लोगों को दिए जाएंगे। कुल मिलाकर कर कहें तो अमेरिका और अन्य देशों में अगले 18 दिनों में कोरोना वैक्सीन वितरित किया जाने लगेगा। वहीं भारत में हमें करीब 70 दिनों तक इंतजार करना होगा। एस्ट्राजेनेका की कोविशिल्ड वैक्सीन फाइजर और मॉडर्ना द्वारा बनाए गई वैक्सीन की तुलना में सस्ती है। फाइजर के एक वैक्सीन की कीमत 1,500 रुपये हो सकती है, जबकि एक मॉडर्ना वैक्सीन की कीमत 2,775 रुपये तक हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल और केरल समेत 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक लंबी बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। ये 8 राज्य कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन मुख्यमंत्रियों से कहा गया है कि वे शहर के भीड़-भाड़ वाले बाजारों में कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करें और अगर जरूरी हो शहरों में रात के कर्फ्यू को लागू करें। आपको बता दें कि दिल्ली में एक सप्ताह में कोरोना वायरस से 777 मौतें हुई हैं, जबकि उससे पहले के सप्ताह में यह संख्या 625 थी। दिल्ली में कोरोना महामारी से अब तक 8,391 लोगों की मौत हो चुकी है। 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और असम की सरकारों निर्देश दिया कि वे कुछ आत्ममंथन करें और दिसंबर की तैयारी करें, जब यह महामारी अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच जाएगी। कोरोना के मामलों में उछाल के बावजूद शादियों, त्यौहारों, पार्टियों और सार्वजनिक समारोहों की इजाजत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्यों ने सही तरीके से तैयारी नहीं की तो दिसंबर में हालात और खराब होंगे।

अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने सोमवार को आपको दिखाया कि कोरोना पीड़ितों के शवों को दफनाने के लिए कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ रही है और वहां पर शवों को दफनाने के लिए जेसीबी मशीनों की मदद ली जा रही है। ठीक इसी तरह दिल्ली के श्मशानों में भी मृतकों के परिजनों को तुरंत अंतिम संस्कार करने के लिए कहा जा रहा है ताकि अधिक शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह बनाई जा सके। दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को उन लोगों के चालान के लिए तैनात किया गया है जो लोग सार्वजनिक जगहों पर भी मास्क नहीं पहनते हैं। इस महामारी से निपटने में सबसे बड़ी समस्या ऐसे लोगों का गैर जिम्मेदाराना रवैया है जो सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क पहने घूमते हैं। 

खतरे की बात ये है कि यह महामारी भीड़-भाड़ वाले महानगरों के अलावा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे उन छोटे राज्यों में भी फैल रही है, जहां आबादी का घनत्व कम है। हिमाचल सरकार ने अपने राज्य में कोरोना फैलने की सबसे बड़ी वजह पर्यटकों के आगमन को बताया है। कुछ जगहों पर तो पूरा का पूरा गांव ही कोरोना से ग्रस्त मिला है। शिमला, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू में रात का कर्फ्यू लगाया गया है।

यह वायरस कैसे फैलता है इसके लिए अमेरिका के एक उदाहरण से समझना काफी होगा। एक आदमी जिसे यह नहीं मालूम है कि वह कोरोना से ग्रस्त है और वह एक शादी में शामिल होता है। इसके बाद उस शादी में शामिल होने वाले लगभग 177 लोग कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं और उनमें से सात लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि जिन सात लोगों की कोरोना से मौत हुई वे लोग शादी समारोह में शामिल नहीं हुए थे। ये लोग केवल उन लोगों से मिले थे जो शादी समारोह में शामिल हुए थे। नतीजा ये हुआ कि अपनी जान गंवा बैठे।

अब चूंकि शादियों का मौसम शुरू हो चुका है इसलिए देशभर में लोग शादी समारोहों में व्यस्त होने लगे हैं। आप सभी से मेरा अनुरोध है कि कृपया शादियों की भीड़भाड़ से दूर रहें। आप अनजाने में इस वायरस से खुद भी ग्रस्त हो सकते हैं और अन्य लोगों में भी इसे फैला सकते हैं। इसलिए कृपया भीड़ वाली जगहों से दूर रहें। हमेशा मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। अपने हाथों को बार-बार धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। जब तक टीकाकरण शुरू नहीं होता है तब तक यही उपाय हम सभी की सुरक्षा का एकमात्र रास्ता है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 नवंबर, 2020 का पूरा एपिसोड

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