Friday, April 19, 2024
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व्यवधान के चलते राज्यसभा पिछले सप्ताह महज करीब 3 घंटे बैठ पाई

बजट सत्र के दूसरे हिस्से के पहले सप्ताह में राज्यसभा तीन घंटे से भी कम समय के लिए बैठ पाई। उत्तरपूर्वी दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा की विपक्ष की मांग के चलते उच्च सदन कोई खास कामकाज नहीं कर पाया।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: March 08, 2020 16:37 IST
Rajya Sabha sat for only around 3 hours last week amid...- India TV Hindi
Rajya Sabha sat for only around 3 hours last week amid protests

नई दिल्ली: बजट सत्र के दूसरे हिस्से के पहले सप्ताह में राज्यसभा तीन घंटे से भी कम समय के लिए बैठ पाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उत्तरपूर्वी दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा की विपक्ष की मांग के चलते उच्च सदन कोई खास कामकाज नहीं कर पाया। सदन अपने निर्धारित समय साढ़े 28 घंटे में से करीब 26 घंटे व्यवधान के चलते गंवा बैठा। सदन की कार्यवाही दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गई।

तीन सप्ताह के अवकाश के बाद सोमवार को वर्तमान बजट सत्र का दूसरा हिस्सा विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान की मांगों पर चर्चा के लिये बहाल हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पहले सप्ताह राज्यसभा महज दो घंटे 42 मिनट के लिए बैठ पायी जबकि उसका कुल निर्धारित समय साढ़े 28 घंटे था। सदन व्यवधान और बार-बार स्थगन की वजह से अपना 25 घंटे 48 मिनट गंवा बैठा। फलस्वरूप सदन की कार्य उत्पादकता महज 9.50 फीसदी ही रही। इसके अलावा, स्थायी समितियों की बैठकों में अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान 50 फीसदीी सांसद अनुपस्थित रहे।

सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के 57 फीसदी सांसदों, भाजपा के 36 फीसदी सांसदों, कांग्रेस के 15 फीसदी सांसदों और अन्य दलों के 50 फीसदी सांसदों ने अनुदान की मांगों पर राज्यसभा की आठ समितियां की किसी की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। ये बैठकें 12 फरवरी और एक मार्च के बीच हुईं। यही इस संसद सत्र का अवकाश का समय था।

पिछले सप्ताह राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने कोरोना वायरस पर बयान दिया था और सभापति वेंकैया नायडू ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बयान दिया। उन्नीस सदस्यों ने अपनी बातें रखीं। शून्यकाल के दौरान छह मुद्दे उठाये गये और विशेष आकर्षण प्रस्ताव के तहत एक विशिष्ट मुद्दा उठाया गया। पिछले महीने बजट सत्र के प्रारंभ से पहले नेताओं की बैठक में नायडू ने इच्छा प्रकट की थी कि स्थायी समितियां 2020-21 के बजट पर विचार एवं उसे पारित किये जाने से काफी पहले ही अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट जमा कर दें। तद्नुसार राज्यसभा की समितियों ने समय से संसद में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। वाणिज्य समिति अगले सप्ताह अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। नायडू ने सदन के सुचारू रूप से चलने के लिए सत्तापक्ष एवं विपक्ष से आपस में बातचीत करने की अपील की।

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