Thursday, March 28, 2024
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आरक्षण नहीं है मौलिक अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जाति आरक्षण से जुड़े एक मामले की याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। 

Gonika Arora Reported by: Gonika Arora @AroraGonika
Published on: June 11, 2020 13:51 IST
Reservation is not Fundamental Right: Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : FILE Reservation is not Fundamental Right: Supreme Court

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जाति आरक्षण से जुड़े एक मामले की याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तमिलनाडु में मेडिकल सीटों पर OBC आरक्षण नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते की। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह चाहे तो इस मामले की याचिका को हाईकोर्ट में दाखिल कर सकता है।

याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि अदालत से आरक्षण देने को नहीं कह रहे हैं बल्कि हम तो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के प्रावधानों का पालन कराने के लिए कह रहे हैं। वकील ने कहा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 'किसके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।' 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'यह मौलिक अधिकारों के हनन से जुड़ा मामला नहीं है। अनुच्छेद 32 केवल मौलिक अधिकार के उल्लंघन के लिए उपलब्ध है। हम मानते हैं कि आप सभी तमिलनाडु के नागरिकों के मौलिक अधिकार में रुचि रखते हैं। लेकिन, आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है।'

ऐसी कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका के वकील से कहा कि आपको यहां (सुप्रीम कोर्ट) से याचिका वापस लेनी चाहिए और तमिलनाडु हाईकोर्ट के समक्ष जाना चाहिए।

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