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‘रूल ऑफ लॉ’ को दुरुस्त रखना सरकार का संवैधानिक दायित्व : नीतीश कुमार

बिहार में राजग की सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति के बिगड़ने के आरोप के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि वह ‘रूल ऑफ लॉ’ को दुरुस्त रखे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 12, 2018 21:38 IST
Nitish Kumar- India TV Hindi
Image Source : PTI Nitish Kumar

पटना: बिहार में राजग की सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति के बिगड़ने के आरोप के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि वह ‘रूल ऑफ लॉ’ को दुरुस्त रखे। पटना के एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद भवन में विधि व्यवस्था से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कानून-व्यवस्था और जांच को अलग करने का प्रावधान सुनिश्चित किया जाय और इसे अविलंब लागू किया जाय। राज्य सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि वह रूल ऑफ लॉ को दुरुस्त रखे। 

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपराध के मामलों के साथ ही अपराध की प्रकृति का विश्लेषण कीजिये। राष्ट्रीय स्तर पर जो नई तकनीक का इस्तेमाल हो रही है, उसे भी देख लीजिये। तय समय सीमा के अंदर एफएसएल जाँच का काम पूरा हो, यह हर हाल में सुनिश्चित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं का विश्लेषण कीजिये। आखिर क्या कारण है कि जिन स्थानों पर पहले तनाव की घटनाएं घटित हुआ करती थी वहां इसमें काफी कमी आई और नई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हो रही है। 

बिहार में गत मार्च महीने में रामनवमी के समय भागलपुर, सीवान, औरंगाबाद, कैमूर, गया, मुंगेर और समस्तीपुर जिलों में साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं घटी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो संवेदनशील इलाके हैं, उस पर विशेष तौर पर निगरानी बनाये रखने की जरुरत है। ऐसी जगहों पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को जाकर शान्ति समिति के लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए। दशहरा और मुहर्रम का त्योहार करीब है, इसे देखते हुए अभी से ही क्षेत्रीय अधिकारियों को सेंसीटाईज करें। 

उन्होंने मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को सभी जिलाधिकारियों से इस सन्दर्भ में बातचीत करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संप्रदायिक घटना का त्वरित ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता है। इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए चाहे वह कोई भी क्यों न हो। 

पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि थाने से लेकर आईजी कार्यालय तक कितने वाहनों की आवश्यकता है, इसे तत्काल चिन्हित कर इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटेलिजेंस के काम में लगे लोगों द्वारा सही जानकारी दिए जाने पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा तो इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और अच्छा काम करेंगे। करीब छह घंटे चली इस बैठक के दौरान सभी प्रमण्डलीय आयुक्त, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े हुये थे। 

बैठक के दौरान अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था में सुधार, पेशेवर अपराधियों की गतिविधियां, पुलिस की गश्त, पुलिस प्रशिक्षण, सांप्रदायिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई, महिला एवं छात्रावासों की सुरक्षा, साइबर क्राइम, आर्थिक अपराध, नक्सली गतिविधियों पर रोक, लूट, हत्या, अपराध, बलात्कार, रेल एवं बैंक डकैती, वाहन चोरी, वायरल वीडियो कांड, एससी/एसटी के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं सहित अनेक ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा की गई। 

बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि प्रत्येक थाने में दूरभाष की सुविधा, थाने की कार्य कुशलता का अनुश्रवण, वारंटों का न्यायालय से मिलान कर निगरानी, प्रत्येक थाने में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर और आईटी सेटअप की सुविधा, प्रत्येक थाने में दो वाहन की व्यवस्था, थाने में आगंतुकों के बैठने की व्यवस्था, थाना प्रभारी को सहयोग करने के लिए हर थाने में एक थाना मैनेजर, थाने में ऑनलाइन प्रविष्टियाँ करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई अविलम्ब सुनिश्चित की जाय। 

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