Thursday, April 18, 2024
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शिवरात्रि के पहले महाकाल को लगेगी हल्दी, 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे होगी भस्मारती

बाबा महाकाल के दरबार में शिवरात्रि के अवसर पर नौ दिन पहले से ही उत्सव मनाए जाने की परंपरा है। नौ दिवसीय उत्सव में सबसे खास बात यह कि बाबा महाकाल को इस समय चंदन के साथ जलाधारी पर हल्दी लगाई जाती है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 30, 2018 21:58 IST
Mahakal Temple- India TV Hindi
Mahakal Temple

उज्जैन: बाबा महाकाल के दरबार में शिवरात्रि के अवसर पर नौ दिन पहले से ही उत्सव मनाए जाने की परंपरा है। नौ दिवसीय उत्सव में सबसे खास बात यह कि बाबा महाकाल को इस समय चंदन के साथ जलाधारी पर हल्दी लगाई जाती है।

योग साधना के इस विशेष पर्व में पुजारी पुरोहित पंडे सहित श्रद्धालु भगवान शिव की नौ दिन तक विशेष अराधना करते है। मंदिर में 51 पुजारी पुरोहित नित्य सुबह बाबा के दरबार में लघुरूद्र महारूद्र अभिषेक के साथ विशेष पूजन संपन्न करते है। सबसे खास बात यह है कि इन नौ दिनों में ही वर्ष में एक  बार ऐसा अवसर आता है, जब दोपहर में बाबा को भस्मी चढ़ती है। इस बार यह भस्मारती 14 फरवरी की दोपहर 12 बजे अघोर मंत्र से चढ़ाई जाएगी।

Mahakal temple

Mahakal temple

वर्ष में एक ही बार लगती है महाकाल को हल्दी

मंदिर के आशीष पुजारी ने बताया कि मान्यतानुसार भगवान महाकाल को हल्दी अर्पित नहीं की जाती है। दरअसल हल्दी स्त्री के सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग होती है। इसके अलावा हल्दी की तासीर गरम होती है। महाकाल को शीतल (ठंडे) पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। ऐसे में सिर्फ वर्ष में एक बार ही शिववरात्रि के दौरान जिस तरह विवाह में दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है, उसी प्रकार भगवान महाकाल को थोड़ी सी चंदन के साथ हल्दी लगाई जाती है। वहीं केसर, चंदन, इत्र और कस्तुरी और अन्य सुगंधित पदार्थ का उबटन लगाया जाता है।

रिपोर्ट इनपुट-प्रतीक खेड़कर

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